भारत, पाकिस्तान ने संघर्षविराम समझौतों का पालन करने पर जताई सहमति

By भाषा | Published: February 25, 2021 03:54 PM2021-02-25T15:54:58+5:302021-02-25T15:54:58+5:30

India, Pakistan agree to abide by ceasefire agreements | भारत, पाकिस्तान ने संघर्षविराम समझौतों का पालन करने पर जताई सहमति

भारत, पाकिस्तान ने संघर्षविराम समझौतों का पालन करने पर जताई सहमति

नयी दिल्ली, 25 फरवरी भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई है।

भारत और पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी।

भारत एवं पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बैठक में संघर्ष विराम को लेकर फैसला किया गया और यह बुधवार आधी रात से लागू हो गया।

भारत और पाकिस्तान ने 2003 में संघर्ष विराम समझौता किया था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से शायद ही इस पर अमल हुआ।

दोनों देशों के डीजीएमओ ने हॉटलाइन संपर्क तंत्र को लेकर चर्चा की और नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में हालात की सौहार्दपूर्ण एवं खुले माहौल में समीक्षा की।

संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘सीमाओं पर दोनों देशों के लिए लाभकारी एवं स्थायी शांति स्थापित करने के लिए डीजीएमओ ने उन अहम चिंताओं को दूर करने पर सहमति जताई, जिनसे शांति बाधित हो सकती है और हिंसा हो सकती है।’’

इसमें कहा गया, ‘‘दोनों पक्षों ने 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम समझौतों, और आपसी सहमतियों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई।’’

बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने दोहराया कि मौजूदा हॉटलाइन संपर्क और सीमा पर ‘फ्लैग मीटिंग’ का इस्तेमाल किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को दूर करने के लिए किया जाएगा।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस महीने की शुरुआत में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि पिछले तीन साल में पाकिस्तान के साथ लगती भारत की सीमा पर संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की कुल 10,752 घटनाएं हुईं, जिनमें 72 सुरक्षा कर्मियों और 70 आम लोगों की जान गई।

उन्होंने बताया कि 2018, 2019 और 2020 में जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा एवं नियंत्रण रेखा के पास सीमा पार गोलीबारी में 364 सुरक्षाकर्मी और 341 आम नागरिक घायल हुए।

पिछले सप्ताह भारत और चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और साजो-सामान को पीछे हटाने की प्रक्रिया संपन्न की।

हालांकि, कुछ मुद्दे अब भी कायम हैं। भारत और चीन की सेनाओं के बीच शनिवार को शुरू हुई बातचीत रविवार तड़के तक जारी रही। पता चला है कि भारत ने तनाव घटाने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने पर जोर दिया।

थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बुधवार को कहा कि पैगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने से ‘‘अंतिम परिणाम बहुत अच्छा’’ रहा और दोनों पक्षों के लिए यह लाभकारी स्थिति है। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि अभी लंबा रास्ता तय करना है और अगला कदम तनाव कम करना है।

उन्होंने कहा कि लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच ‘साठगांठ’ के कोई संकेत नहीं मिले लेकिन भारत ने केवल दो को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि ढाई मोर्चे के लिए दूरगामी योजना बना रखी है। वह आधे मोर्चे का हवाला आंतरिक सुरक्षा के लिए दे रहे थे।

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Web Title: India, Pakistan agree to abide by ceasefire agreements

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