भारत म्यांमा सड़क परियोजना पूरी होने वाली है: राज्यपाल
By भाषा | Published: November 12, 2021 05:26 PM2021-11-12T17:26:44+5:302021-11-12T17:26:44+5:30
आइजोल, 12 नवंबर मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कम्भमपति ने कहा है कि राज्य के लौंगतलाई और पड़ोसी देश म्यांमा के सित्वे बंदरगाह के बीच सीमापार जाने वाली 87 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने को है। यह सड़क कालादान ‘मल्टी-मोडल’ परिवहन योजना का हिस्सा है जिसे दक्षिण पूर्वी एशिया में भारत के लिए रास्ता खोलने वाले मार्ग के रूप में देखा जा रहा है।
इसके पूरा होने से पश्चिम बंगाल के कोलकाता से म्यांमा के राखाइन प्रांत में स्थित सित्वे बंदरगाह तक संपर्क स्थापित होगा। राज्यपाल ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद पश्चिम बंगाल तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा तथा पूर्वोत्तर राज्यों और देश के शेष भाग के बीच संपर्क मजबूत होगा।
नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को राज्यपालों और उप राज्यपालों के एक सम्मेलन में उन्होंने कहा, “कालादान परियोजना के तहत मिजोरम की तरफ सड़क का निर्माण पूरा होने को है। इस परियोजना से दूरी कम होगी। वर्तमान में पूर्वोतर क्षेत्र शेष देश से संकरे सिलीगुड़ी गलियारे के जरिये जुड़ा है जो कि बंगाल में है।”
एक अधिकारी ने बताया कि सड़क निर्माण का कार्य मिजोरम में 2010 में शुरू हुआ था लेकिन मुआवजे के मुद्दों को लेकर कई बार उसमें व्यवधान उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि इस साल जून में सड़क निर्माण का कार्य पूरा होना था लेकिन कोविड महामारी के चलते इसमें देर हुई। भारत ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए अप्रैल 2008 में म्यांमा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।
बैठक के दौरान राज्यपाल ने यह भी कहा कि महामारी के कारण उपजी कई समस्याओं के बावजूद मिजोरम सरकार ने 2020-21 वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न विभागों को 99 करोड़ रुपये आवंटित किये जिससे सामाजिक आर्थिक विकास नीति के लक्ष्यों को पूरा किया जा सके।
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