नयी दिल्ली, 31 मई: मौसम विभाग ने किसानों के लिये आंधी-पानी के संकट से बचाव के एहतियाती उपायों को समय रहते सुनिश्चित करने और बारिश के सटीक अनुमान की पूर्व जानकारी मुहैया कराने के लिये उपग्रह आधारित तकनीक की मदद से क्षेत्रवार बारिश की जानकारी मुहैया कराने की अत्याधुनिक सेवा शुरू की है। विभाग कल ‘न्यू इन्सेंबल प्रिडिक्शन सिस्टम’ नामक इस सेवा की विधिवत शुरुआत करेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक अधिकारी ने नयी तकनीक के बारे में बताया कि इसकी मदद से जिला और कस्बे के स्तर पर कम से कम छह दिन पहले ही लोगों को पता चल सकेगा कि कब, कहां, कितनी बारिश होगी। मौसम विभाग के सूत्रों ने बाताया कि इस तकनीक का संचालन नोएडा और पूना में स्थित एडवांस कंप्यूटिंग सिस्टम के जरिये किया जायेगा। मौजूदा व्यवस्था में मौसम संबंधी पूर्वानुमान संभावनाओं पर आधारित होता है।
नई व्यवस्था में मौसम को प्रभावित करने वाले सभी कारकों का बारीक अध्ययन कर बारिश की मात्रा और स्थान का सटीक आंकलन किया जा सकेगा। इससे प्राप्त आंकड़ों को कृषि मंत्रालय द्वारा एसएमएस के जरिये किसानों तक भेजा जायेगा। इसमें क्षेत्रीय आधार पर किसानों को बारिश के साथ – साथ आंधी- तूफान और ओला-वृष्टि से संबंधित जानकारियां भी समय रहते पहुंचायी जा सकेंगी। मौसम विभाग इन आंकड़ों को राज्य के साथ भी साझा करेगा जिससे स्थानीय प्रशासन के माध्यम से आंधी, बारिश आदि की जानकारी स्थानीय लोगों को विभिन्न माध्यमों से मिल सके।
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