भारतीय जेलों में बन्द कैदियों में 76% विचाराधीन, दुनिया का औसत 34%, पाकिस्तान की स्थिति भारत से बेहतर

By अनिल शर्मा | Published: August 25, 2022 01:04 PM2022-08-25T13:04:00+5:302022-08-25T15:14:07+5:30

भारतीय जेलों में 3,71,848 कैदी विचाराधीन हैं। यानी हर चार में तीन कैदी मुकदमे का इंतजार कर रहे हैं। यह विश्व का 34 फीसदी तो राष्ट्रमंडल देशों का 35 फीसदी है।

India Jails 76 percent prisoners are under trial world average is 34 percent | भारतीय जेलों में बन्द कैदियों में 76% विचाराधीन, दुनिया का औसत 34%, पाकिस्तान की स्थिति भारत से बेहतर

भारतीय जेलों में बन्द कैदियों में 76% विचाराधीन, दुनिया का औसत 34%, पाकिस्तान की स्थिति भारत से बेहतर

Highlightsभारतीय जेलों में कुल  4,88,511 कैदी हैं।भारतीय जेलों में बंद प्रत्येक 4 में से तीसरा कैदी विचाराधीन हैविचाराधीन कैदियों में से 70 फीसदी से अधिक कैदी हाशिए पर मौजूद वर्ग, जाति, धर्म और लिंग से हैं।

नई दिल्लीः भारतीय जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जेलों में 76 फीसदी कैदी विचारधीन हैं। राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (सीएचआरआई) की जून 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जेलों में  4,88,511 कैदी हैं, जिनमें से 76 प्रतिशत (3,71,848) कैदी विचाराधीन हैं। यानी हर चार में तीन कैदी मुकदमे का इंतजार कर रहे हैं। यह विश्व का 34 फीसदी तो राष्ट्रमंडल देशों का 35 फीसदी है। इस मामले में हमारी स्थिति पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी खराब है। 

वर्ल्ड प्रिजन ब्रीफ  (WPB) रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर विचाराधीन कैदियोंं के मामले में भारत 76.1 % के साथ 6वें नंबर पर है, जबकि लिकटेंस्टीन (91.7%) सूची में पहले स्थान पर है। वहीं सैन मैरिनो (88.9%), दूसर स्थान पर तो हैती (81.9%) तीसरे, गैबॉन (80.2%) चौथे और बांग्लादेश (80%) पांचवें स्थान पर मौजूद हैं। इस सूची में पाकिस्तान की स्थिति भारत से अच्छी है। पाकिस्तान 70 फीसदी के साथ 13वें स्थान पर है। 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से वर्ष 2020 में प्रकाशित ‘जेल सांख्यिकी भारत’ रिपोर्ट के अनुसार, चार में से एक विचाराधीन कैदी को एक वर्ष या उससे अधिक के लिए कैद किया गया है। वहीं आठ में से एक को दो से पांच साल तक जेल में रखा गया। एक दशक से 2020 तक, एक साल या उससे अधिक समय से जेल में बंद विचाराधीन कैदियों का प्रतिशत लगभग सात फीसदी बढ़कर 29% हो गया है।

आंकड़े यह भी बताते हैं कि भारतीय जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों में से 70 फीसदी से अधिक कैदी हाशिए पर मौजूद वर्ग, जाति, धर्म और लिंग से हैं। इनमें से अधिककर तो पढ़े-लिखे नहीं हैं। दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के इलाके में सबसे ज्यादा विचाराधीन कैदियों की संख्या है। इसके बाद बिहार, पंजाब, ओडिशा और महाराष्ट्र का स्थान है। इनमें से कई राज्यों की जेलों की ऑक्युपेंसी दर 100 फीसदी से अधिक है।

Web Title: India Jails 76 percent prisoners are under trial world average is 34 percent

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