भारत के पास ड्रोन के निर्यात, युद्धपोतों के रखरखाव की सेवा उपलब्ध कराने का अवसर है: नौसेना प्रमुख
By भाषा | Updated: November 10, 2020 22:02 IST2020-11-10T22:02:16+5:302020-11-10T22:02:16+5:30

भारत के पास ड्रोन के निर्यात, युद्धपोतों के रखरखाव की सेवा उपलब्ध कराने का अवसर है: नौसेना प्रमुख
नयी दिल्ली, 10 नवंबर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में ड्रोन के निर्यात, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी सेवाएं और युद्धपोतों के रखरखाव तथा मरम्मत संबंधी सेवा उपलब्ध कराने का अवसर है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मुख्यत: गश्ती जलयानों के निर्माण के लिए भारतीय उद्योग और अन्य देशों के बीच, खासकर आईओआर में भागीदारी मॉडल की संभावना तलाशी जा सकती है।
सिंह ने रक्षा मुद्दों संबंधी पोर्टल ‘भारतशक्ति डॉट इन’ द्वारा आयोजित सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि युद्धपोतों को समय-समय पर रखरखाव और मरम्मत की आवश्यकता होती है और यदि उन्हें इसके लिए अपने गृह बंदरगाह लौटना हो तो इसमें समय और पैसा लगता है।
उन्होंने कहा कि आईओर में 40 देशों से लगभग 70 युद्धपोत किसी भी समय संचालित हो रहे हैं और इनमें से कुछ अपने गृह देशों से दूर हैं।
सिंह ने कहा कि भारत के पास आईओआर में ड्रोन के निर्यात, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी सेवाएं और युद्धपोतों के रखरखाव तथा मरम्मत संबंधी सेवा उपलब्ध कराने का अवसर है।
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