तिरंगे में लिपटे 20 सैनिकों के शव पहुंचे देश के अलग-अलग 10 राज्यों में, आज दी जा रही है भावुक विदाई
By विनीत कुमार | Updated: June 18, 2020 12:21 IST2020-06-18T12:21:50+5:302020-06-18T12:21:50+5:30
चीन के साथ लद्दाख में सोमवार को हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। देश इन्हें आज विदाई दे रहा है। ये जवान देश के अलग-अलग 10 राज्यों से थे।

देश के 10 राज्यों से थे भारत के ये 20 बहादुर सैनिक
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में देश के लिए कुर्बानी देने वाले जवानों को आज अलग-अलग राज्यों में विदाई दी जा रही है इन सैनिकों के शव बुधवार देर रात तक उनके घरों तक पहुंचाये गये। जब शहीद सैनिकों के ताबूत पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए विभिन्न राज्यों में पहुंचाये गये तब जो हृदय विदारक दृश्य सामने आया उससे 2019 के पुलवामा आतंकवादी हमले की याद ताजा हो गयी जब सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे।
पटना में हवलदार सुनील कुमार को दी गई विदाई: बिहार की राजधानी पटना के करीब मनेर में आज हवलदार सुनील कुमार को पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई। अंतिम संस्कार के समय उनकी पत्नी ने खुद को संभालते हुए पति को सलामी के साथ विदाई थी। उन्होंने साथ ही कहा- 'मेरा सुनील अमर रहे।' पत्नी ने चीन मुर्दाबाद का नारा भी लगाया।
इस दौरान अंतिम संस्कार में लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था। शहीद हवलदार सुनील कुमार के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। साथ ही पिता को जिस तिरंगे में लपेटा गया था वह बेटे को सौंपा गया। यह दृश्य वहां मौजूद कई लोगों को भावुक कर गया।
Bihar: Last rites of Havaldar Sunil Kumar, who lost his life in the violent face-off with China in #GalwanValley, being performed in Maner#Bihar#Patnapic.twitter.com/PGwn24BKZf
— ANI (@ANI) June 18, 2020
कर्नल बी संतोष बाबू का अंतिम संस्कार: कुछ ऐसे ही दृश्य तेलंगाना के सूर्यपेट में भी थे। शहीद कर्नल संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को जब सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तो सड़कों पर 'जय जवान, यह किसान', 'भारत माता की जय' के नारे लगने लगे।
#WATCH Guard of honour being given to Colonel Santosh Babu, Commanding Officer of the 16 Bihar regiment, who lost his life in action during the Galwan Valley clash#Telanganapic.twitter.com/sXWcualEX5
— ANI (@ANI) June 18, 2020
इससे पहले संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से बुधवार को हैदराबाद लाया गया। बाद में उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से उनके गृह नगर सूर्यापेट ले जाया गया। वायु सेना स्टेशन हाकिमपेट पर विमान रात आठ बजे के आसपास उतरा। हाथ में तिरंगा झंडा लिए लोगों ने एम्बुलेंस के मार्ग में फूल बरसाए। तेलंगाना की राज्यपाल टी सुंदरराजन और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामा राव समेत अन्य लोगों ने शहीद सैन्य अधिकारी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तेलंगाना में कई स्थानों पर लोगों और राजनीतिक दलों के सदस्यों ने शहीद कर्नल को श्रद्धांजलि दी।
हिमाचल प्रदेश में अंकुश ठाकुर को विदाई: करोहटा गांव के जवान अंकुश ठाकुर के शहीद होने की खबर से पूरे गांव में उदासी छा गई है। लोगों ने बड़ी संख्या में इस गांव में पहुंचकर चीन के विरोध में नारे लगाये भोरंज उपखंड के करोहटा गांव के 21 वर्षीय अंकुश 2018 में ही पंजाब रेजिमेंट में शामिल हुए थे। उनके पिता और दादा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और छोटा भाई अभी छठी कक्षा में है।
ओडिशा ने भी दी कुर्बानी: राज्य से दो आदिवासी गांव पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में अपने बेटों की शहादत से शोकाकुल हैं। चंद्रकांत प्रधान (28) कंधमाल जिले के रायकिया मंडल में बिअर्पंगा गांव के रहने वाले थे और नायब सूबेदार नंदूराम सोरेन मयूरभंज के रायरंगपुर के रहने वाले थे। चंद्रकांत के पिता करुणाकर प्रधान ने कहा, ‘हमें गर्व है कि उसने मातृभूमि के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी।' छोटे-मोटे किसान प्रधान ने कहा कि उनका अविवाहित बेटा परिवार में कमाने वाला मुख्य सदस्य था।
ऐसा ही कुछ हाल आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले बिजातोला ब्लॉक में 43 वर्षीय सोरेन के चमपौडा गांव का है। सोरेन के बड़े भाई दोमान माझी ने बताया कि रायरंगपुर कॉलेज से 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद सोरेन 1997 में सेना में शामिल हुए क्योंकि वह मातृभूमि की रक्षा करना चाहते थे। वह अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदार थे। उन्होंने बताया कि सोरेन के परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं। माझी ने कहा, ‘शहादत की खबर मिलने के बाद हम सब टूट गए हैं। उसे उसके दोस्ताना स्वभाव के लिए सभी प्यार करते थे।’
मध्य प्रदेश भी कर रहा है अपने सपूत को याद: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनगवां थानांतर्गत फरेंदा गांव के रहने वाले शहीद नायक दीपक की करीब छह महीने पहले शादी हुई थी। शहीद की दादी फूल कुमारी ने बुधवार को को बताया, 'दीपक से कुछ दिन पहले ही आखिरी बार फोन पर मेरी बात हुई थी। तब उसने मुझसे कहा था कि लॉकडाउन जब खत्म होगा तो वह छुट्टी में घर आयेगा। लेकिन लॉकडाउन के खत्म होने पर उसके शहीद होने की खबर आई है। पूरा परिवार दुखी है।' फूल कुमारी ने बताया कि दीपक की 30 नबम्बर 2019 को शादी हुई थी। शादी के बाद वह केवल एक बार फरवरी में कुछ दिन के लिए छुट्टी में आया था।
झारखंड से दो शहीद: झारखंड ने अपने दो बेटे कुर्बान किए हैं। इसमें कुंदन कुमार ओझा और गणेश हंसदा शामिल हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से 27 साल के गणेश राम कुंजम भी शहीद हुए हैं। पश्चिम बंगाल के बीरभूम से राजेश ओरंग और अलिरपुरदार से हवलदार बिपूल रॉय भी सोमवार को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गये। पंजाब के नायब सूबेदार सतनाम सिंह और तमिलनाडु के हवलदार के पलानी ने भी अपनी शहादत दी है।
पलानी की पार्थिव देह को कडाक्कालुर गांव में दफनाने से पहले उन्हें बंदूक से सलामी दी गई। देश के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीद सैनिक को उनके परिवार सहित सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। अधिकारियों ने ताबूत से लिपटा तिरंगा उनके परिवार के सदस्यों को सौंपा, जिसके बाद ताबूत को दफनाया गया।
(भाषा इनपुट)