अमेरिकी नौसेना की पूर्वानुमति के बिना नौवहन अभियान की घोषणा पर भारत ने चिंता व्यक्त की

By भाषा | Published: April 9, 2021 10:00 PM2021-04-09T22:00:16+5:302021-04-09T22:00:16+5:30

India expresses concern over the announcement of a shipping mission without the prior approval of the US Navy | अमेरिकी नौसेना की पूर्वानुमति के बिना नौवहन अभियान की घोषणा पर भारत ने चिंता व्यक्त की

अमेरिकी नौसेना की पूर्वानुमति के बिना नौवहन अभियान की घोषणा पर भारत ने चिंता व्यक्त की

नयी दिल्ली/वाशिंगटन, नौ अप्रैल अमेरिकी नौसेना ने भारत की पूर्वानुमति के बिना इस सप्ताह लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निकट भारतीय जलक्षेत्र में नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान शुरू करने की घोषणा की थी जिसके बाद नयी दिल्ली ने शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उसने राजनयिक माध्यमों से वाशिंगटन को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के सात अप्रैल के इस बयान पर भी विरोध दर्ज कराया कि अमेरिकी जहाज जॉन पॉल जोन्स द्वारा नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान में अंतरराष्ट्रीय कानून में निर्धारित समुद्र क्षेत्र के कानूनन इस्तेमाल, अधिकार और स्वतंत्रता को कायम रखा गया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते (यूएनसीएलओएस) पर भारत का स्पष्ट रुख है कि दूसरे देशों को तटीय राज्य की अनुमति के बिना विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) में और महाद्वीपीय भाग में सैन्य अभ्यास करने का और खासतौर पर हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यूएसएस जॉन पॉल जोन्स पर फारस की खाड़ी से लगातार नजर रखी गयी। हमने हमारे ईईजेड से गुजरने पर अमेरिका की सरकार को राजनयिक माध्यमों से अपनी चिंता से अवगत करा दिया है।’’

अमेरिकी नौसेना की सातवीं फ्लीट के कमांडर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मिसाइल विध्वंसक पोत यूएसएस जॉन पॉल जोन्स के जरिये सात अप्रैल को यह अभियान शुरू किया गया।

बयान में कहा गया है, ''सात अप्रैल, 2021 को यूएसएस जॉन पॉल जोन्स (डीडीजी 53) ने भारत की अनुमति के बिना, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र लक्षद्वीप द्वीपसमूह के पश्चिम से लगभग 130 समुद्री मील दूर नौपरिवहन अधिकार एवं स्वतंत्रता अभियान शुरू किया।''

भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र या उपमहाद्वीपीय इलाके में सैन्य अभ्यास या अभियान के लिये उससे पूर्वानुमति लेनी होती है।

बयान में दावा किया गया है कि यह अभियान अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप शुरू किया गया है।

बयान के अनुसार, इस नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान ने भारत के अत्यधिक समुद्री दावों को चुनौती देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत अधिकारों की स्वतंत्रता और समुद्र के विधि सम्मत उपयोग को बरकरार रखा है।

इस बयान के अनुसार, अमेरिकी बल भारत-प्रशांत क्षेत्र में दैनिक अधार पर गतिविधियां करते हैं। सभी अभियानों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अंजाम दिया जाता है। साथ ही यह स्पष्ट किया जाता है कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, जहां चाहे, वहां हवाई, समुद्री और अन्य गतिविधियों को अंजाम दे सकता है।

बयान में कहा गया है, ''हम नियमित रूप से नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान का आयोजन करते हैं। हम अतीत में भी ऐसा कर चुके हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान केवल एक देश के लिये नहीं होते।

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Web Title: India expresses concern over the announcement of a shipping mission without the prior approval of the US Navy

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