पाकिस्तान के नेशनल डे में शामिल नहीं होगा भारत, हुर्रियत नेताओं को निमंत्रण दिये जाने पर जताई आपत्ति
By विनीत कुमार | Published: March 22, 2019 09:51 AM2019-03-22T09:51:24+5:302019-03-22T09:59:31+5:30
पाकिस्तान हर साल 23 मार्च को अपना नेशनल डे मनाता है लेकिन दिल्ली में पाकिस्तानी राजदूत इसके एक दिन पहले एक कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में जारी खटास अब और बढ़ सकती है। भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तानी हाई कमीशन के नेशनल डे कार्यक्रम में कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की ओर से हुर्रियत नेताओं को न्योता भेजे जाने के कारण भारत ने यह नाराजगी जताई है।
पाकिस्तान हर साल 23 मार्च को अपना नेशनल डे मनाता है लेकिन दिल्ली में पाकिस्तानी राजदूत इसके एक दिन पहले एक कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक सूत्र ने बताया, 'पाकिस्तान हाई कमीशन ने 22 मार्च को होने वाले नेशनल डे कार्यक्रम में हुर्रियत प्रतिनिधियों को बुलाया है। इसलिए, सरकार इस बार अपना कोई आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं भेजेगी।'
वैसे, पिछले 5 साल से भारत सरकार हुर्रियत नेताओं की मौजूदगी के बावजूद अपना प्रतिनिधि भेजती रही है। एनडीए सरकार ने पूर्व में इस पर आपत्ति जरूर जताई लेकिन उसने इस कार्यक्रम बहिष्कार नहीं किया। हालांकि, पुलवामा अटैक के बाद बदली हुई परिस्थिति में भारत ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाने का फैसला कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार यह फैसला इसलिए भी लिया गया क्योंकि भारत दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा हुर्रियत नेताओं को फरवरी में बुलाये जाने के खिलाफ था। इस्लामाबाद के कश्मीर के साथ नजदीकी को दिखाने की कोशिश के लिए लंदन में आयोजित किये गये एक कार्यक्रम से पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने सैयद अली शाह गिलानी और मिरवाइज उमर फारूक को मुलाकात के लिए बुलाया। भारत ने इस पूरे घटनाक्रम पर भी कड़ी आपत्ति जताई थी।
बता दें कि अगस्त-2014 से भारत के साथ किसी भी बातचीत से पहले पाकिस्तान हाई कमीशन लगातार हुर्रियत नेताओं से संपर्क में रहा है। इस कारण भारत और पाकिस्तान के बीच दो बार वार्ता रद्द हो चुकी है। इसके बावजूद भारत हुर्रियत नेताओं की मौजूदगी में भी नेशनल डे कार्यक्रम में अपने प्रतिनिधि भेजता रहा है।
साल-2015 में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह इस कार्यक्रम में गये थे। वहीं, साल 2016 में प्रकाश जावड़ेकर और 2017 में एमजे अकबर इस कार्यक्रम में भारत की ओर से गये थे। वहीं, 2018 में कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसमें भारत की ओर से हिस्सा लिया था।