ब्रिटेन के अखबार का दावा: लद्दाख की गलवान घाटी में तीन नहीं 13 भारतीय जवान हुए हैं शहीद, चीन की हिरासत में चार सैनिक

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 16, 2020 21:59 IST2020-06-16T21:34:39+5:302020-06-16T21:59:53+5:30

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सेना ने यह जानकारी दी।

India-Chinese border Galvan valley Ladakh Thirteen Indian soldiers killed, four Chinese custody Britain's newspaper claims | ब्रिटेन के अखबार का दावा: लद्दाख की गलवान घाटी में तीन नहीं 13 भारतीय जवान हुए हैं शहीद, चीन की हिरासत में चार सैनिक

लददाख में चीनी सेना के साथ हुई खूनी झड़प में शहीद होने वाले बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट जिले के रहने वाले थे। (file photo)

Highlightsन्यूज़पेपर की रिपोर्ट कहती है कि चीनी सेना ने 36 भारतीय जवानों को अपनी हिरासत में ले लिया था जिनमे से 32 को बाद में रिहा कर दिया गया।पेपर कहता है कि जो चार भारतीय सैनिक चीन की हिरासत में हैं, उनमे से एक मेजर रैंक का अधिकारी भी शामिल है। इन खबरों की फिलहाल भारतीय सेना ने न ही पुष्टि की है और न ही खंडन किया है।

नई दिल्लीः इंग्लैंड से छपने वाले द टेलीग्राफ न्यूज़पेपर का दावा है कि लद्दाख के गलवान वैली में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई खूनी भिड़ंत में एल कर्नल समेत 13 भारतीय जवान शहीद हुए हैं

न्यूज़पेपर की रिपोर्ट कहती है कि चीनी सेना ने 36 भारतीय जवानों को अपनी हिरासत में ले लिया था जिनमे से 32 को बाद में रिहा कर दिया गया। पेपर कहता है कि जो चार भारतीय सैनिक चीन की हिरासत में हैं, उनमे से एक मेजर रैंक का अधिकारी भी शामिल है। इन खबरों की फिलहाल भारतीय सेना ने न ही पुष्टि की है और न ही खंडन किया है।

लददाख में चीनी सेना के साथ हुई खूनी झड़प में शहीद होने वाले बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट जिले के रहने वाले थे। खबरें कहती हैं कि कुछेक जवानों को चीनी सेना ने बंदी बनाने के बाद रिहा कर दिया था पर अभी भी एक मेजर रैंक का अधिकारी उनके कब्‍जे में है। फिलहाल इन खबरों की सेना न ही पुष्टि कर रही है और न ही इंकार। वह इस मामले पर खामोशी अख्तियार किए हुए है। इस बीच श्रीनगर लेह राजमार्ग को नागरिक यातायात के लिए बंद के दिया गया है।

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सेना ने यह जानकारी दी। चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। सेना ने कहा कि हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व दो जवान शहीद हुए जबकि चीन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि कितना नुकसान हुआ है यह अभी स्पष्ट नहीं है।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।'' बताया जा रहा है कि हिंसक टकराव के दौरान शहीद हुआ अधिकारी गलवान में एक बटालियन का कमांडिंग अफसर था। बताया जा रहा है तीनों सैनिक चीन की ओर से किए गए पथराव में घायल हुए जिसके बाद उनका निधन हो गया। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और तीन सेनाओं के प्रमुखों के साथ पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति की समीक्षा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और तीन सेनाओं के प्रमुखों के साथ पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। सूत्रों ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे का दिल्ली के बाहर एक बेस का दौरा रद्द कर दिया गया है।

गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। चीन की सरकार द्वारा संचालित समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक खबर में दावा किया भारतीय सैनिकों ने झड़प की शुरुआत की।

वे चीनी क्षेत्र में घुस आए और चीन के सैनिकों पर हमला कर दिया। भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है। बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक सीमा पर पैंगोंग झील सहित कई भारतीय क्षेत्रों में घुस आए थे। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिये तुरंत पीछे हटने के लिये कहा। दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिये बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत हो चुकी है।

छह जून को करीब सात घंटे तक बैठक की थी

इस विवाद को खत्म करने के लिये पहली बार गंभीरता से प्रयास करते हुए लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिले के मेजर जनरल लीयू लिन ने छह जून को करीब सात घंटे तक बैठक की थी।

बैठक के बाद मेजर जनरल स्तर की दो दौर की वार्ता हुई। भारतीय पक्ष उन क्षेत्रों में से हजारों चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दे रहा है, जिन्हें भारत अपना क्षेत्र मानता है। इससे पहले भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि दोनों देशों की सेना चरणबद्ध तरीके से वापस लौट रही हैं। उन्होंने कहा था, ''हमने गलवान नदी के उत्तर की ओर से अपने सैनिक हटाने शुरू किये हैं, जहां काफी तनाव हुआ था। दोनों देशों के बीच काफी सकारात्मक संवाद हुआ है।''

चीन की सेना ने मंगलवार को आरोप लगाया कि गलवान घाटी क्षेत्र में भारतीय सैनिकों ने फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और ‘‘जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए’’ जिस कारण ‘‘गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।’’ सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पश्चिमी थियेटर कमान के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि ‘‘भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर गलवान घाटी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए, जिससे गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।’’

इसने विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया है। भारतीय पक्ष की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हिंसक संघर्ष में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। पिछले 45 वर्षों में इस तरह की यह पहली घटना है और यह संवेदनशील क्षेत्र में पिछले पांच हफ्ते से चल रहे व्यापक तनाव का संकेत देती है। सेना ने कहा कि हिंसक संघर्ष के दौरान भारत के एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हो गए, जबकि चीनी पक्ष की तरफ भी सैनिक हताहत हुए हैं। चीन पक्ष के हताहतों के बारे में फिलहाल स्पष्टता नहीं है।

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