भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके से पीछे हटीं, अस्थायी ढांचों को भी किया गया नष्ट 

By अभिषेक पारीक | Updated: August 6, 2021 18:59 IST2021-08-06T18:47:14+5:302021-08-06T18:59:52+5:30

भारत और चीन की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी स्थिति को गतिरोध-पूर्व अवधि की हालत में बहाल कर दिया गया है।

India and China army disengage in gogra ladakh, temporary structures were also destroyed | भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके से पीछे हटीं, अस्थायी ढांचों को भी किया गया नष्ट 

फाइल फोटो

Highlightsपूर्वी लद्दाख में गोगरा टकराव बिंदु पर करीब 15 महीनों बाद भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गई हैं। इसके बाद दोनों ओर से जमीनी स्थिति को गतिरोध-पूर्व अवधि की हालत में बहाल कर दिया गया है। साथ ही दोनों पक्षों द्वारा निर्मित अस्थायीय ढांचों और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है।

पूर्वी लद्दाख में गोगरा टकराव बिंदु पर करीब 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी स्थिति को गतिरोध-पूर्व अवधि की हालत में बहाल कर दिया गया है। भारतीय थल सेना ने शुक्रवार को जानकारी दी है। 

थल सेना ने कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया चार और पांच अगस्त को की गई तथा दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी बेस में हैं। गोगरा बिंदु को गश्त बिंदु (पेट्रोलिंग प्वाइंट)-17ए के रूप में जाना जाता है।

थल सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘इलाके में दोनों पक्षों द्वारा निर्मित सभी अस्थायीय ढांचों और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है तथा परस्पर तरीके से उनका सत्यापन किया गया है। दोनों पक्षों ने इलाके में स्थलाकृति को गतिरोध-पूर्व स्थिति में बहाल कर दिया है। ’’ 

बयान में कहा गया है कि सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता यह सुनिश्चित करेगा कि गोगरा में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का दोनों पक्षों द्वारा सख्ती से अनुपालन और सम्मान किया जाएगा, तथा यथास्थिति में एकतरफा तरीके से कोई बदलाव नहीं हो। 

थल सेना ने कहा, ‘‘इसके साथ ही, आमना-सामना वाले एक और अधिक संवेदनशील इलाके का समाधान हो गया है। दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे ले जाने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शेष मुद्दों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई है।’’ 

पूर्वी लद्दाख का उल्लेख सरकार पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है। बयान में कहा गया है, ‘‘भारतीय थल सेना, आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के साथ राष्ट्र की संप्रभुता बनाए रखने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’’ थल सेना ने कहा कि दोनों पक्षों ने गोगरा में अग्रिम मोर्चे की तैनातियों को एक चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से रोक दिया है।

 

Web Title: India and China army disengage in gogra ladakh, temporary structures were also destroyed

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