India Alliance: डेरेक ओ'ब्रायन-अधीर रंजन के बीच हुई जुबानी जंग, अधीर ने डेरेक को कहा, 'विदेशी', तृणमूल सांसद ने पलटवार करते हुए कहा, "वो भाजपा के एजेंट हैं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 26, 2024 10:12 AM2024-01-26T10:12:03+5:302024-01-26T10:18:14+5:30
ममता बनर्जी द्वारा बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट न देने के फैसले के बाद दोनों ओर से जुबानी जंग शुरू हो गई है।
कोलकाता: लोकसभा चुनाव से इंडिया गठबंधन की फुटमत धीरे-धीरे सामने आती जा रही है। बंगाल में गठबंधन को खासा धक्का पहुंचा है क्योंकि बंगाल की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस को एक भी सीट देने से साफ इनकार कर दिया है। इसे लेकर कांग्रेस और तृणमूल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
दरअसल बीते गुरुवार को बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन पर हमला करते हुए कहा था कि वो पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन के लिए काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस नेता अधीर ने तृणमूल नेता डेरेक पर बेहद तीखा हमला करते हुए उन्हें "विदेशी" कहा था।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार करने के एक दिन बाद इस मतभेदों के लिए अधीर रंजन चौधरी को विशेष रूप से जिम्मेदार ठहराया था।
डेरेक ओ'ब्रायन के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि अधीर रंजन चौधरी भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहे थे और उनके कारण ही पश्चिम बंगाल में तृणमूल और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा, ''वह एक विदेशी है और उसने बारे में मुझे बहुत कुछ जानकारी है, आप चाहे तो उनसे पूछ सकते हैं।"
बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-तृणमूल के बीच मतभेद पर बात करते हुए डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा था, "इंडिया गठबंधन के दो मुख्य आलोचक हैं, पहली बीजेपी और दूसरे अधीर रंजन चौधरी। वह बीजेपी की भाषा बोलते हैं। इसके तीन कारण बंगाल में इंडिया गठबंधन काम नहीं कर रहा है।"
उनका यह बयान ममता बनर्जी की इस घोषणा के बाद आया है कि टीएमसी राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। ममता बनर्जी ने कहा, ''कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे। मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा, लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और बंगाल में हम अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।''
बनर्जी के इस कदम को इंडिया गठबंधन की संभावनाओं के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसका गठन सात महीने पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से मुकाबला करने के लिए किया गया था।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी को पश्चिम बंगाल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने की अनुमति मिलने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।