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Independence Day 2024: पाकिस्तान, भारत से 1 दिन पहले क्यों मनाता स्वतंत्रता दिवस, क्या है वजह, सब कुछ यहां जानें

By आकाश चौरसिया | Updated: August 14, 2024 15:55 IST

Independence Day 2024: पाकिस्तान आखिर भारत से एक दिन पहले क्यों स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट करता है। यहां पढ़िए और एक-एक कर सब कुछ जानिए।

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ठळक मुद्देभारत से पहले पाकिस्तान में क्यों मनता है स्वतंत्रता दिवसजानें पीछे की वजहइस एक समय से बदले हालात, क्योंकि न जाएं उस पार और न आ पाएं इस पार

Independence Day 2024:  भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) आगामी 15 अगस्त को अपना-अपना स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाने जा रहे हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि एक दिन पहले क्यों पाकिस्तान अपने यहां स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट करता है। अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासकों ने भारत को दो स्वतंत्र राष्ट्रों में भारत और पाकिस्तान के रूप में विभाजित कर दिया। लेकिन भारतीय और पाकिस्तानी दो अलग-अलग दिनों में एक ही स्वतंत्रता का जश्न क्यों मनाते हैं? ये सभी को नहीं पता है।

18 जुलाई 1947 को प्रख्यापित भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के जरिए भारत और पाकिस्तान का जन्म हुआ। अधिनियम के अनुसार, "अगस्त के पंद्रहवें दिन, 1947 से, भारत में दो स्वतंत्र डोमिनियन स्थापित किए गए, जिन्हें क्रमशः भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा।"

15 अगस्त पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस था, यह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के अपने नव निर्मित राष्ट्र के ऐतिहासिक रेडियो संबोधन से भी स्पष्ट है। उन्होंने ये भी कहा कि 15 अगस्त को पाकिस्तान की संप्रभुता और स्वतंत्रता के प्रगाढ़ होने का दिन है। ऐसे में आजादी से पहले हमने जो बलिदान दिए, ये उस रूप में आजादी मिली और आज उसे मनाने का दिन है।

इंडियन ट्रिब्यून से साल 2016 में एक सीनियर पाकिस्तानी पत्रकार शाहिदा काजी ने कहा था कि अगर हम तर्क दें, किसी भी तरह का तर्क इस्तेमाल करें तो 15 अगस्त वह दिन है जिस दिन हमें (पाकिस्तान) अपनी आजादी का जश्न मनाना चाहिए।

इंडियन ट्रिब्यून की खबर के तहत जिन्ना और उस समय की पाकिस्तानी कैबिनेट ने 15 अगस्त, 1947 को ही शपथ ली थी। जुलाई 1948 में जारी पाकिस्तान का पहला स्मारक डाक टिकट, 15 अगस्त 1947 को देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में भी संदर्भित किया गया था।

15 अगस्त, 1947  मुस्लमानों के लिए बहुत शुभ दिन है, क्योंकि उस दिन रमजान का आखिरी शुक्रवार पड़ा था। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी मोहम्मद अली, उन्होंने अपनी बुक द ईमरजेंस ऑफ पाकिस्तान 1967 में पब्लिश हुई बुक में लिखा, 15 अगस्त, 1947 रमदान-उस-मुबारक का आखिर शुक्रवार था, जिसे इस्लाम में बहुत शुभ और पाक दिन माना जाता है। उस शुभ दिन पर, कायद-ए-आजम (जिन्ना) पाकिस्तान के गवर्नर-जनरल बने और कैबिनेट को शपथ दिलाई गई, सितारा और अर्धचंद्राकार झंडा फहराया गया, और पाकिस्तान विश्व मानचित्र पर उभरा।

आखिर 14 अगस्त, 1947 को ऐसा क्या हुआ..14 अगस्त, 1947 को वायसराय माउंटबेटन ने पाकिस्तान की संसद में स्पीच दिया, जिसमें ये बताया कि 15 अगस्त की आधी रात से भारत और पाकिस्तान दो शक्तियां अलग होकर एक संप्रभु देश के रूप में स्थापित होने जा रही हैं। हालांकि, आजाद भारत से एक दिन पहले माउंटबैटेन के लिए यह संभव नहीं था कि वो एक समय दो जगह रह सके। माउंटबेटन ने सबसे पहले 14 अगस्त को कराची में पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित की और फिर नई दिल्ली की यात्रा की।

 पाकिस्तानी इतिहासकार खुरशीद कमाल अजीज अपनी बुक मर्डर ऑफ हिस्ट्री में लिखते हैं कि वॉयसराय ने निजी तौर पर दोनों देशों को सत्ता हस्तांतरण की, हालांकि इस बीच वो अकेले ब्रिटिश किंग थे, जिन्होंने भारत का नेतृत्व किया। लॉर्ड माउंटबेटन एक समय में कराची और दिल्ली में उपस्थित नहीं हो सकते थे। न ही वह 15 अगस्त की सुबह भारत को सत्ता हस्तांतरित कर सकते थे और फिर कराची जा सकते थे, क्योंकि उस समय तक वह नए भारतीय डोमिनियन के गवर्नर जनरल बन चुके होते। 

इसलिए उनके लिए एकमात्र व्यावहारिक बात यह थी कि 14 अगस्त को पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी जाए, जब वह अभी भी भारत के वायसराय थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पाकिस्तान को 14 अगस्त को आजादी मिली थी, क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम में इसका प्रावधान नहीं था।

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