गर्भपात की अपील लेकर केरल उच्च न्यायालय पहुंच रहीं नाबालिग बलात्कार पीड़िताओँ की संख्या में वृद्धि

By भाषा | Updated: September 20, 2021 15:10 IST2021-09-20T15:10:13+5:302021-09-20T15:10:13+5:30

Increase in number of minor rape victims reaching Kerala High Court seeking abortion | गर्भपात की अपील लेकर केरल उच्च न्यायालय पहुंच रहीं नाबालिग बलात्कार पीड़िताओँ की संख्या में वृद्धि

गर्भपात की अपील लेकर केरल उच्च न्यायालय पहुंच रहीं नाबालिग बलात्कार पीड़िताओँ की संख्या में वृद्धि

कोच्चि, 20 सितंबर केरल में अधिक से अधिक नाबालिग बलात्कार पीड़िताएं उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर अपनी गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की मांग कर रही हैं।

सितंबर में ही उच्च न्यायालय में कम से कम तीन ऐसे मामले सामने आए हैं। इनमें से दो मामलों में मेडिकल बोर्ड ने गर्भावस्था को समाप्त करने की सिफारिश की, जिसके बाद न्यायालय ने गर्भपात की अनुमति के लिये उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया।

इनमें से एक मामले में उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह और दूसरे मामले में सोमवार को गर्भपात की अनुमति दी। अदालत ने कहा कि गर्भवती महिला को यह विकल्प चुनने की स्वतंत्रता नहीं दी जा सकती कि गर्भावस्था को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं।

इन दोनों ही मामलों में गर्भावस्था 20 सप्ताह से अधिक समय की हो चुकी थी, जो एक भ्रूण को समाप्त करने के लिए चिकित्‍सकीय गर्भ समापन कानून के तहत निर्धारित अधिकतम सीमा है।

हालांकि दोनों ही मामलों में मेडिकल बोर्ड का विचार था कि गर्भावस्था जारी रखने से नाबालिग बलात्कार पीड़ितों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। बोर्ड ने दोनों मामलों में यह भी कहा कि भ्रूण इस प्रक्रिया से बच सकता है, जिससे अदालत ने अस्पताल के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बच्चे का जीवन सुरक्षित रहे।

अदालत ने अस्पताल को दोनों मामलों में डीएनए मैपिंग सहित आवश्यक चिकित्सा परीक्षण करने के लिए भ्रूण के रक्त और ऊतक के नमूनों को संरक्षित करने का भी निर्देश दिया।

तीसरे मामला सोमवार को उच्च न्यायालय के सामने आया। याचिका में कहा गया कि गर्भावस्था सिर्फ 8 सप्ताह की थी। अस्पताल के अधिकारी इसलिये भ्रूण को समाप्त करने से इनकार कर रहे थे क्योंकि नाबालिग लड़की बलात्कार पीड़ित थी।

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से कहा कि अस्पताल के अधिकारी चिंतित हैं कि अगर वे गर्भावस्था को समाप्त करते हैं तो सबूतों को नष्ट करने के लिए उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।

अदालत ने बाद में राज्य सरकार के वकील को मामले में फैसला लेने का निर्देश दिया और इसे बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

इन तीन मामलों से पहले उच्च न्यायालय ने जुलाई में एक अन्य मामले में गर्भपात की अनुमति दी थी, जहां बलात्कार पीड़िता नाबालिग थी और मानसिक रूप से दिव्यांग भी थी।

पिछले साल मई और जनवरी 2021 के बीच, उच्च न्यायालय ने सात नाबालिग लड़कियों को ऐसी ही राहत दी थी, जिनका कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग मामलों में यौन उत्पीड़न किया गया, जिसके परिणामस्वरूप वे गर्भवती हो गईं।

इन पीड़ितों की माताओं की याचिका पर अदालत ने उन्हें राहत दी थी और एक मेडिकल बोर्ड ने सिफारिश की थी कि गर्भावस्था को समाप्त किया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Increase in number of minor rape victims reaching Kerala High Court seeking abortion

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे