आयकर विभाग ने तेल, दूरसंचार कंपनियों की 3,500 करोड़ रुपये की टीडीएस गड़बड़ी का पता लगाया

By भाषा | Published: March 5, 2020 07:28 PM2020-03-05T19:28:36+5:302020-03-05T19:28:36+5:30

दूरसंचार कंपनी के मामले में 324 करोड़ रुपये की टीडीएस भुगतान नहीं होने का पता चला है। सीबीडीटी ने हालांकि इन कंपनियों के नाम नहीं बताये हैं। बोर्ड ने वहीं इसी तरह की एक अन्य कार्रवाई में पाया कि दिल्ली के कई अस्पताल टीडीएस नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं और विभाग को कम कर का भुगतान कर रहे हैं।

Income tax department detects TDS mismatch of Rs 3,500 crore for oil, telecom companies | आयकर विभाग ने तेल, दूरसंचार कंपनियों की 3,500 करोड़ रुपये की टीडीएस गड़बड़ी का पता लगाया

सीबीडीटी को दिल्ली के एक रीयल एस्टेट समूह के मामले में भी इसी प्रकार की टीडीएस गड़बड़ी का पता चला था।

Highlightsदूरसंचार कंपनी के सर्वे के दौरान 3,500 करोड़ रुपये की टीडीएस गड़बड़ी का पता लगाया है।सीबीडीटी को दिल्ली के एक रीयल एस्टेट समूह के मामले में भी इसी प्रकार की टीडीएस गड़बड़ी का पता चला था।

आयकर विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रमुख तेल कंपनी और एक दूरसंचार कंपनी के सर्वे के दौरान 3,500 करोड़ रुपये की टीडीएस गड़बड़ी का पता लगाया है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने यह जानकारी दी। सीबीडीटी ने इन घटनाओं को ‘‘बड़ी सफलता’’ बताया। उसने कहा कि तेल कंपनी के मामले में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होने पर 3,200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पता चला है।

वहीं दूरसंचार कंपनी के मामले में 324 करोड़ रुपये की टीडीएस भुगतान नहीं होने का पता चला है। सीबीडीटी ने हालांकि इन कंपनियों के नाम नहीं बताये हैं। बोर्ड ने वहीं इसी तरह की एक अन्य कार्रवाई में पाया कि दिल्ली के कई अस्पताल टीडीएस नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं और विभाग को कम कर का भुगतान कर रहे हैं।

तेल कंपनी के मामले में विभाग ने कहा, ‘‘भुगतान में जो गड़बड़ी है वह कर की कम कटौती और कर कटौती नहीं किया जाना शामिल है। आयकर कानून की धारा 194जे के तहत टीडीएस की अल्प कटौती का मामला बनता है। इसके तहत कई सालों के दौरान प्रतिष्ठानों और उच्च प्रौद्योगिकी की तेल रिफाइनरियों के रखरखाव और तकनीकी सेवाओं की फीस के भुगतान, एलएनजी परिवहन और पुन: गैसी करण के लिये होने वाली रासायनिक प्रक्रिया के लिये भुगतान के मामले में टीडीएस की कम कटौती की गई।

वहीं उत्पादों की खरीद और सेवाओं सहित सकल अनुबंध में जहां दो प्रतिशत की दर से टीडीएस काटा जाना चाहिये था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। परिणामस्वरूप कंपनी से इसमें चूक हुई। दूरसंचार कंपनी ने आयकर कानून की धारा 194जे के तहत 4000 करोड़ रुपये के तकनीकी ठेकों में 10 प्रतिशत की आवश्यक दर से टीडीएस का भुगतान नहीं किया। जांच पूरी होने के साथ राशि बढ़ सकती है।

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘जांच पड़ताल के दौरान राजधानी के दो प्रमुख अस्पतालों में भी टीडीएस भुगतान में खामी का पता लगाया। इनमें 2,500 बिस्तरे वाले एक बड़े अस्पताल में निर्माण ठेकों पर टीडीएस नहीं दिये जाने का मामला सामने आया। वहीं 700 बिस्तर की सुविधा वाले एक अन्य अस्पताल में डाक्टरों को दिये जाने वाले वेतन पर 10 प्रतिशत की दर से कर लिये जाने का मामला सामने आया है जबकि वेतन भुगतान पर वर्तमान में 30 प्रतिशत की दर से टीडीएस कटौती होनी चाहिये।

इन अस्पतालों में क्रमश: 70 करोड रुपये और 20 करोड़ रुपये की टीडीएस गड़बड़ी का पता चला है।’’ सीबीडीटी को दिल्ली के एक रीयल एस्टेट समूह के मामले में भी इसी प्रकार की टीडीएस गड़बड़ी का पता चला था। समूह में इस सप्ताह की शुरुआत में सर्वेक्षण किया गया था।

Web Title: Income tax department detects TDS mismatch of Rs 3,500 crore for oil, telecom companies

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