सिंघू बॉर्डर पर आने वाले दिनों में किसान प्रदर्शन में शामिल हो सकती हैं दो हजार से अधिक महिलाएं

By भाषा | Published: December 15, 2020 11:34 AM2020-12-15T11:34:53+5:302020-12-15T11:34:53+5:30

In the coming days, more than two thousand women can participate in farmers' demonstrations on the Singhu border | सिंघू बॉर्डर पर आने वाले दिनों में किसान प्रदर्शन में शामिल हो सकती हैं दो हजार से अधिक महिलाएं

सिंघू बॉर्डर पर आने वाले दिनों में किसान प्रदर्शन में शामिल हो सकती हैं दो हजार से अधिक महिलाएं

नयी दिल्ली, 15 दिसम्बर केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर जारी किसानों का प्रदर्शन आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है।

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन करे रहे किसानों के परिवारों की 2000 से अधिक महिलाएं वहां कुछ दिनों में पहुंच सकती हैं।

किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब के विभिन्न हिस्सों से आ रही महिलाओं के लिए प्रबंध कर रहे हैं। तंबू लगाए गए हैं, अलग से लंगर चलाने की योजना बनाई गई है और अतिरिक्त शौचालयों की व्यवस्था भी की गई है।

अलग-अलग राज्यों के किसान सितम्बर में पारित हुए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली से लगे सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर दो सप्ताह से डटे हुए हैं। इसके मद्देनजर कई मार्ग बंद किए गए हैं और लोगों को परेशानी से बचने के लिए वैकल्पिक रास्तों से जाने की सलाह दी गई है।

पुलिस ने बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद है और लोगों से लामपुर, सफियाबाद और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर वैकल्पिक मार्ग पर जाने को कहा गया है और मुकरबा तथा जीटीके रोड से यातायात परिवर्तित किया गया है।

उन्होंने कहा कि आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से बचें।

प्रदर्शन के कारण गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए गाजीपुर बॉर्डर बंद रहेगा। लोगों को आनंद विहार, डीएनडी, चिल्ला, अप्सरा और भोपुरा बॉर्डर से होकर आने की सलाह दी जाती है।

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर कई अवरोधक लगाए गए हैं और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात हैं। सबसे पहले वहां कांटेदार तारें लगाई गई हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अवरोधक लगाए हैं, जिसके पास त्वरित प्रतिक्रिया बल (आरएएफ) और अर्द्धसैनिक बल के कर्मी तैनात हैं।

पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियां, ट्रक, कंटेनर और लोहे के अवरोधक भी वहां लगाए गए हैं।

प्रदर्शन कर रहे करीब 32 किसान यूनियन के नेताओं ने सोमवार को सिंघू बॉर्डर पर एक दिन की भूख-हड़ताल भी की थी।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

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Web Title: In the coming days, more than two thousand women can participate in farmers' demonstrations on the Singhu border

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