बिलकिस केस में सजायाफ्ता ने सुप्रीम कोर्ट से आत्मसमर्पण के लिए और समय देने की गुहार लगाते हुए कहा- "दया करें, इकलौता हूं माता-पिता की देखभाल करने वाला"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 18, 2024 12:07 PM2024-01-18T12:07:01+5:302024-01-18T12:10:21+5:30

बिलकिस रेप कांड के तीन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि उन्हें जेल में सरेंडर करने के लिए और समय दिया जाए।

In the Bilkis case, the convicted person appealed to the Supreme Court to give more time to surrender and said - "Please have mercy, I am the only one who takes care of my parents" | बिलकिस केस में सजायाफ्ता ने सुप्रीम कोर्ट से आत्मसमर्पण के लिए और समय देने की गुहार लगाते हुए कहा- "दया करें, इकलौता हूं माता-पिता की देखभाल करने वाला"

फाइल फोटो

Highlightsबिलकिस रेप कांड के तीन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से नरमी की गुहार लगाई तीनों दोषियों ने कहा कि उन्हें जेल में सरेंडर करने के लिए और समय दिया जाएतीनों दोषियों ने जेल में आत्मसमर्पण करने की मियाद चार से छह सप्ताह बढ़ाने की मांग की

नई दिल्ली: बिलकिस बानो के समूहिक बलात्कार के केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द की गई दोषियों के रिहाई के मामले में आज उस समय दिलचस्प मोड़ आ गया, जब इस केस के तीन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि उन्हें जेल में सरेंडर करने के लिए और समय दिया जाए।

समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार तीन दोषियों ने सर्वोच्च अदालत में अर्जी दाखिल करके अपील की है कि उन्हें जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने की मियाद चार से छह सप्ताह के लिए बढ़ा दिया जाए।

जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट तीनों दोषियों की ओर से दाखिल की गई अपील पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस केस के सभी दोषियों को 21 जनवरी तक की समय सीमा दी है कि वो उस दिन जेल में जाकर सरेंडर कर दें।

बताया जा रहा है कि तीनों दोषियों में से एक गोविंदभाई की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उनके माला-पिता बुजुर्ग हैं, इसलिए उन्हें सरेंडर के लिए और समय दिया है।

गोविंद भाई ने अपील में कहा है, "मेरे 88 वर्षीय पिता और 75 वर्षीय मां की देखभाल की जिम्मेदारी एकमात्र मेरे कंधे पर है। इस कारण से मुझे अदालत और समय दे ताकि मैं निर्धारित समय से चार से छह हफ्तों के बाद जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर कर सकूं।"

वहीं अपीलकर्ता दूसरे दोषी रमेश रूपाभाई चंदना ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील देते हुए छह सप्ताह की मोहलत मांगी कि उसे अपने बेटे की शादी की व्यवस्था करनी है। इस कारण से उसे और समय दिया जाना चाहिए।

तीसरे दोषी मितेश चिमनलाल भट ने अपनी याचिका में छह सप्ताह के समय विस्तार का अनुरोध किया है। उन्होंने कोर्ट के सामने कहा है कि उनकी सर्दियों की उपज फसल खेतों में तैयार है, चूंकि वो उसकी कटाई और अन्य कार्य करना चाहते हैं। इस कारण कोर्ट उन्हें आत्मसमर्पण करने से पहले उस कार्य को पूरा करने की इजाजत दे।

मालूम हो कि बीते 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द कर दिया था।

अदालत ने सभी दोषियों को फिर से जेल वापस भेजने का फैसला सुनाते हुए कहा था कि गुजरात सरकार इस तरह का आदेश पारित करने के लिए "पर्याप्त सक्षम नहीं" थी और उसका दोषियों को रिहा किया जाना "धोखाधड़ी वाला कृत्य" है।

गुजरात सरकार ने 15 अगस्त, 2022 को इस केस के 11 दोषियों द्वारा 15 साल जेल की सजा पूरी करने के बाद उनकी उम्र और व्यवहार को ध्यान में रखते हुए रिहा कर दिया था।

Web Title: In the Bilkis case, the convicted person appealed to the Supreme Court to give more time to surrender and said - "Please have mercy, I am the only one who takes care of my parents"

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