भोजन की तलाश में गिद्ध तय कर रहे हैं 150 किलोमीटर की दूरी: अध्ययन

By भाषा | Updated: February 4, 2021 20:41 IST2021-02-04T20:41:39+5:302021-02-04T20:41:39+5:30

In search of food, vultures are covering a distance of 150 km: Study | भोजन की तलाश में गिद्ध तय कर रहे हैं 150 किलोमीटर की दूरी: अध्ययन

भोजन की तलाश में गिद्ध तय कर रहे हैं 150 किलोमीटर की दूरी: अध्ययन

भोपाल, चार फरवरी गंभीर रूप से लुप्तप्राय गिद्धों के निवास, गतिविधियों एवं आदतों पर बारीकी से किए जा रहे अध्ययन से पता चला है कि ये पक्षी अपने भोजन की तलाश के लिए अक्सर रोजाना लगभग 150 किलोमीटर की दूरी उड़ कर तय करते हैं। यह जानकारी एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दी।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के पन्ना बाघ अभयारण्य में कुछ गिद्धों पर लगे रेडियो ट्रैकिंग उपकरणों के विश्लेषण के जरिए यह बात प्रकाश में आई है।

पन्ना बाघ अभयारण्य के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम अभी तीन गिद्धों पर रेडियो ट्रैकिंग उपकरण लगाकर गिद्धों के निवास, गतिविधियों एवं आदतों पर बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। इस अध्ययन से हमें पता चला है कि ये पक्षी अपने भोजन की तलाश के लिए अक्सर रोजाना लगभग 100 से 150 किलोमीटर की दूरी उड़ कर तय करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि उनकी गतिविधियों की निगरानी के उद्देश्य से पिछले साल नवंबर में इन पक्षियों पर यह उपकरण लगाए गए थे।

शर्मा ने कहा, ‘‘अध्ययन में पाया गया कि कई बार ये तीनों गिद्ध भोजन की तलाश में पन्ना से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश तक उड़ान भरते हैं और शाम को घर लौट आते हैं।’’

उन्होंने कहा कि पन्ना बाघ अभयारण्य में जल्द ही कुछ और गिद्धों पर यह उपकरण लगाए जाएंगे।

शर्मा के मुताबिक, इन पक्षियों के व्यवहार, आदतों और गतिविधियों का अध्ययन पूर्व में रेडियो ट्रैकिंग उपकरण की मदद से नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा कि पन्ना बाघ अभयारण्य में गिद्धों की सात प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से चार प्रजातियां इस अभयारण्य के रहवासी हैं एवं शेष तीन प्रजातियां प्रवासी हैं। पन्ना बाघ अभयारण्य में लगभग 600 गिद्ध हैं।

भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के उप निदेशक एके जैन ने कहा कि बदला लेने वाले पक्षी के रुप में मशहूर गिद्ध की प्रजाति मरे हुए जानवरों को खाती है। इसलिये कचरा साफ करने में इसका काफी महत्व है। लगभग दो दशक पहले इस प्रजाति के विलुप्त होने का खतरा पैदा हो गया था।

उन्होंने कहा कि भारत में 99.7 प्रतिशत गिद्ध मर चुके हैं और बचे हुए 0.3 प्रतिशत गिद्धों को भी दो दशक पहले विलुप्त होने के खतरे का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उनके संरक्षण के लिए कदम उठाए गए।

उन्होंने कहा कि 2019 में मध्य प्रदेश में की गई पक्षी गणना के मुताबिक प्रदेश में 8,397 गिद्ध थे, जो भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है।

जैन ने कहा कि राज्य में गिद्धों की पहली गणना 2016 में हुई थी और तीसरी गिनती सात फरवरी से शुरू होगी।

पर्यावरण कार्यकर्ता सचिन जैन ने कहा कि एक प्रसिद्ध जर्नल की 2010 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 20 साल में 4.9 करोड़ गिद्ध मरे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘करीब 20-25 साल पहले भारत में करीब पांच करोड़ गिद्ध थे, लेकिन 2007 में यह संख्या घटकर करीब एक लाख के आसपास आ गई।

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Web Title: In search of food, vultures are covering a distance of 150 km: Study

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