कांग्रेस में धारा 370 पर परस्पर विरोधी बयानों का सिलसिला नहीं थम रहा

By शीलेष शर्मा | Published: August 9, 2019 12:33 AM2019-08-09T00:33:58+5:302019-08-09T00:33:58+5:30

छह अगस्त की शाम को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित हो जाने के बावजूद परस्पर विरोधी बयान 370 पर बदस्तूर जारी है

In Congress, the process of conflicting statements on section 370 did not stop | कांग्रेस में धारा 370 पर परस्पर विरोधी बयानों का सिलसिला नहीं थम रहा

कांग्रेस में धारा 370 पर परस्पर विरोधी बयानों का सिलसिला नहीं थम रहा

Highlightsधारा 370 को लेकर हो रही कांग्रेस की किरकिरी थमने का नाम नहीं ले रही है. नेतृत्वविहीन कांग्रेस में पार्टी का हर छोटा-बड़ा नेता अपने-अपने ढंग से 370 को लेकर या तो आलोचना कर रहा है या समर्थन

धारा 370 को लेकर हो रही कांग्रेस की किरकिरी थमने का नाम नहीं ले रही है. नेतृत्वविहीन कांग्रेस में पार्टी का हर छोटा-बड़ा नेता अपने-अपने ढंग से 370 को लेकर या तो आलोचना कर रहा है या समर्थन. 
छह अगस्त की शाम को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित हो जाने के बावजूद परस्पर विरोधी बयान 370 पर बदस्तूर जारी है.

आज जम्मू कश्मीर रिसायत के शासक रहे महाराजा हरि सिंह के बेटे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ करन सिंह ने एक बयान सार्वजनिक किया जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 35 ए में बदलाव और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की वकालत करते हुए खुलासा किया कि 1965 में उन्होंने इस आशय का सुझाव दिया था. हालांकि डॉ करन सिंह ने मोदी सरकार के फैसले का  पूरा और  खुला समर्थन तो नहीं किया लेकिन उसके फैसले के सकारात्मक पहलूओ पर संतोष जताया है. 

एक तरफ करन सिंह ने इन फैसलों पर संतोष व्यक्त किया तो दूसरी ओर इस फैसले को लागू करने तथा उसकी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये. अपने पत्र में करन सिंह ने सरकार से यह भी मांग कर डाली कि जिन कश्मीर के नेताओं को बंदी बनाया हुआ है उन्हें तत्काल रिहा किया जाना चाहिए और व्यापक स्तर पर इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए. उनका मानना था कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने की जरुरत है कर्ण सिंह ने आशा जताई कि कश्मीर का राज्य का दर्जा सरकार जल्द बहाल करेगी. वह सरकार के इस फैसले से भी सहमत नजर नहीं आए जिसके तहत सरकार ने कश्मीर का राज्य का दर्जा बदलकर केंद्रशासित प्रदेश में परिवर्तित किया है. 

जहां एक ओर कर्ण सिंह का पत्र था वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर कड़ा हमला बोला. दरअसल आज़ाद को आज उस समय कश्मीर हवाई अड्डे पर रोक दिया गया जब वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ श्रीनगर जा रहे थे. गुलाम नबी आजाद को ना तो कश्मीर का दौरा करने दिया और ना ही पार्टी नेताओं से बातचीत. गुलाम नबी का श्रीनगर दौरे का कार्यक्रम पहले से निर्धारित किया गया था जिसके तहत वे पार्टी कार्यकर्ताओं से ताजा हालतों पर चर्चा के लिए दिल्ली से रवाना हुए थे इस बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जी.ए. मीर को शामिल होना था. शाम को दिल्ली पहुंचे गुलाम नबी ने मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर सीधा आरोप लगाया कि वे पैसे देकर लोगों का फोटो शूट करा रहे है केवल पीआर के लिए. 

धारा 370 को लेकर परस्पर विरोधी बयानों से सोनिया, राहुल और कार्यसमिति के वरिष्ठ सदस्य खासे नाराज़ है.  हालांकि पार्टी ने कल महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों, विधानमंडल दल  के नेताओं सहित दूसरे नेताओं की बैठक बुलाई है जिसमें पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, सहित दूसरे नेता पार्टी नेताओं को यह समझायेगें कि कांग्रेस ने जो रुख 370 को लेकर अपनाया है वह कितना जायज है तथा पार्टी नेताओं को इस मुद्दे पर अलग-अलग राज व्यक्त क्यों नहीं करनी चाहिए. 

Web Title: In Congress, the process of conflicting statements on section 370 did not stop

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