सर्वदलीय बैठकः राजनाथ सिंह ने घटना के बारे में सभी दल के नेताओं को दी जानकारी, कहा- गलवान में भारतीय सेना मुस्तैद
By अनुराग आनंद | Updated: June 19, 2020 18:41 IST2020-06-19T18:24:35+5:302020-06-19T18:41:07+5:30
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के मामले में सर्वदलीय बैठक की है।

पीएम नरेंद्र मोदी ऑनलाइन ऑल पार्टी मीटिंग कर रहे हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्लीः भारत-चीन सीमा पर तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 17 पार्टी के अध्यक्ष शामिल हुए। इस बैठक में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी नेताओं को इस घटना के बारे में जानकारी दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना के जवान गलवान घाटी में पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान किया।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, मायावती मौजूद हैं। इसके अलावा, इस बैठक में नीतीश कुमार, नवीन पटनायक, उद्धव ठाकरे मौजूद हैं। बैठक की शुरूआत में सभी नेताओं ने शहीद सेना के जवानों को श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि देश भर में चीन के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद यह बैठक हो रही है।
बैठक में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, टीआरएस, जद (यू), बीजद, लोजपा, बसपा, शिवसेना और राकांपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष ने हिस्सा लिया। कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि सीमा पर स्थिति के बारे में उसे पारदर्शी होना चाहिए।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi chairs all-party virtual meeting to discuss India-China border situation, at 7, Lok Kalyan Marg; 20 parties attend the meeting pic.twitter.com/CIix9MI6rp
— ANI (@ANI) June 19, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय ऑनलाइन बैठक बुलाई थी। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब विपक्षी दल लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं।
चीन-भारत सीमा संघर्ष पर सर्वलीय बैठक में नहीं बुलाए जाने पर राजद नाराज
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने लद्दाख में चीन के साथ टकराव पर चर्चा के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने पर आपत्ति जतायी और कहा कि बिहार की "सबसे बड़ी" पार्टी की अनदेखी की गई। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने निराशा जताई कि संसद में पांच सदस्य होने और "बिहार में सबसे बड़ा दल" होने के बावजूद उनकी पार्टी की अनदेखी की गई।
यादव ने कहा, "हम चाहते हैं (रक्षा मंत्री) राजनाथ सिंह जी स्पष्ट करें कि राजद को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया है।" राजद के राज्यसभा में पांच सदस्य हैं लेकिन लोकसभा में उसका कोई सदस्य नहीं है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने ट्वीट कर कहा कि पांच सदस्यों के तर्क का खुलासा हो गया।
उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी, अपना दल, शिरोमणि अकाली दल, भाकपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस का उदाहरण दिया जिन्हें सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया गया है जबकि राजद की तुलना में उनके कम सांसद हैं। राजद शुरू से भाजपा की मुखर विरोधी पार्टी रही है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सबसे बड़ी पुत्री और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने एक ट्वीट साझा किया, ‘‘"जो सवाल दागेंगे, साहब उससे भागेंगे।’’ उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ अल्पदलीय खानापूर्ति और अल्पदलीय ढोंग।’’
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आप आमंत्रित नहीं : पार्टी नेता
आम आदमी पार्टी (आप) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन के साथ सीमा संघर्ष मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को यह दावा किया।
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की दिल्ली में सरकार है और पंजाब में वह मुख्य विपक्षी पार्टी है फिर भी भाजपा को उसके विचार नहीं चाहिए। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “केंद्र की भाजपा सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर हर किसी को साथ लेकर चलना चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीन बार के मुख्यमंत्री को एक महत्त्वपूर्ण विषय पर सुझाव के लिए नहीं बुलाया गया।”
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार को हमारे सैनिकों की शहादत का प्रतिशोध लेना चाहिए। सरकार को तत्काल वह जमीन वापस लेनी चाहिए जो चीन ने भारत से अधिगृहीत की है।” सिंह ने कहा, “सीमा विवाद पर देश को सही सूचना न देना देश के साथ बड़ा धोखा है।” उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने देश से जानकारी क्यों छिपाई, केंद्र सरकार को जवाब देना होगा।”
आप नेता एवं दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा, “सभी दलों को साथ लेने के बावजूद, भाजपा गणितीय फार्मूला का प्रयोग कर यह तय कर रही है कि किसे बुलाना है और किसे नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”