बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौतों की मुख्य वजह लीची नहीं: आईएमए
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 25, 2019 07:16 AM2019-06-25T07:16:36+5:302019-06-25T07:16:36+5:30
आईएमए के एक दल ने कहा है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में ऐन्सेफ्लाइटिस बीमारी से होने वाली मौतों की मुख्य वजह लीची नहीं है क्योंकि इससे नवजात भी प्रभावित हुए हैं. बीमारी से हुई मौतों की जांच करने वाले इस दल ने कहा कि इनमें कुपोषण और मौजूदा गर्मी व उमस का पर्याप्त योगदान है.
आईएमए के एक दल ने कहा कि पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), खून में चीनी की अत्याधिक कमी (हाइपोग्लूकोमिया) और गर्मी की भी खासी भूमिका है. उन्होंने कहा कि गुनगुने पानी से स्पंज, अधिक मात्रा में पानी पीने और पर्याप्त भोजन लेने से इस बीमारी में फायदा मिल सकता है.
चार सदस्यों वाले इस दल ने कहा कि स्वास्थ्य जागरूकता पर केंद्रित एक कार्यक्रम चलाने के साथ बच्चों को मुफ्त में खाना देना होगा, खासकर रात का खाना. इसके अलावा ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का घोल सार्वजनिक रूप से मुहैया किया जाना चाहिए, इससे इस बीमारी के फैलने से रोकने में मदद मिलेगी.
रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में दो और बच्चों की एक्यूट ऐन्सेफिलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मौत हो गई. इसे स्थानीय लोग 'चमकी बुखार' भी कहते हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस बीमारी की वजह से राज्य के 20 जिलों में 182 मौतें हो चुकी हैं. आईएमए टीम ने कहा कि इस बीमारी की वजह के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन अधिक गर्मी, नमी और उमस इसमें एक भूमिका निभाते हैं लेकिन लीची खा लेना इसकी मुख्य वजह नहीं हो सकती है क्योंकि इसकी चपेट में नवजात भी आए हैं.