सावधान! दिल्ली-NCR में जल्द आ सकता है महाभूकंप, IIT प्रोफेसर ने दी बड़ी चेतावनी
By पल्लवी कुमारी | Updated: June 6, 2020 13:40 IST2020-06-06T13:33:15+5:302020-06-06T13:40:08+5:30
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए 25 मार्च से देश में लगाए गए लॉकडाउन में भी दिल्ली-एनसीआर में चार से पांच बार भूकंप के झटके आए हैं। हालांकि वो भूकंप के झटके कई बार इतने मामूली हुए हैं कि कई लोगों को महसूस भी नहीं हुआ है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके मानों आम हो गए हैं। लेकिन इस बार एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में एक बड़ा भूकंप आ सकता है। एक्सपर्ट ने दावा किया है कि पिछले कुछ महीनों से हल्के भूकंप के झटके आना किसी बड़े भूकंप का संकेत है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में बड़ा भूकंप आने वाला है। इसकी चेतावनी IIT (ISM) धनबाद के डिपार्टमेंट्स ऑफ अप्लाइड जियोफिजिक्स और सीस्मोलॉजी ने लंबी रिसर्च के बाद दी है।
रिसर्च में दावा- दिल्ली NCR में जमा हो रही है एनर्जी
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, IIT धनबाद में सीस्मोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड पीके खान ने कहा है कि कम तीव्रता के झटके बार-बार लगना एक बड़े भूकंप का संकेत होता है। पीके खान ने कहा, पिछले दो सालों से दिल्ली-NCR में रिक्टर स्केल पर 4 से 4.9 तीव्रता वाले 64 भूकंप आ चुके हैं। 5 से ज्यादा तीव्रता वाले 8 भूकंप आ चुके हैं। इन सभी आंकड़ों को देखकर जो रिसर्च किया गया है उसके मुताबिक पीके खान ने कहा, यह दिखाता है कि इलाके में स्ट्रेन एनर्जी बढ़ रही है खासतौर से नई दिल्ली और कांगड़ा के नजदीक।
दिल्ली-हरिद्वार रिज पर भी हलचल
पीके खान ने कहा है कि एनसीआर और उत्तरकाशी की दूरी सिर्फ 260 किलोमीटर है। वहीं कांगड़ा 370 किलोमीटर दूर है। इसी वजह से यह दोनों इलाके खतरनाक भूकंप आने के लिए जाने जाते हैं। इसी वजह से इस फॉल्ट लाइन पर एक बड़ा भूकंप दिल्ली-NCR को प्रभावित करेगा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली-हरिद्वार रिज पर भी हलचल देखी जा सकती है। वहां हर साल प्लेट में 44 मिलीमीटर का मूवमेंट देखने को मिल रहा है।
दिल्ली में 12 मई को आया था कम तीव्रता वाला भूकंप, 12 अप्रैल के बाद से चौथा भूकंप
राष्ट्रीय राजधानी में 15 मई को 2.2 की कम तीव्रता का भूकंप आया था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि 12 अप्रैल के बाद से यह क्षेत्र में आया चौथा भूकंप है। भूकंप का केंद्र उत्तरी दिल्ली के पीतमपुरा में था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया था कि यह भूकंप 11 बजकर 28 मिनट पर आठ किलोमीटर की गहराई में आया। यह केंद्र पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत काम करने वाला एक निकाय है।
इससे पहले उत्तरपूर्वी दिल्ली में वजीरपुर के पास के इलाके में 10 मई को मध्यम तीव्रता का भूकंप आया था। वजीरपुर और उसके आस-पास के इलाके 12 और 13 अप्रैल को आए क्रमश: 3.5 और 2.7 तीव्रता के भूकंप का केंद्र रहे थे। भूकंप के पांच क्षेत्र हैं। दिल्ली चौथे क्षेत्र में पड़ता है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन अधिकरण के मुताबिक, दिल्ली के आस-पास भूकंपीय घटनाएं बड़े भौगोलिक ढांचे से जुड़ी हुई लगती हैं जिसे दिल्ली-हरिद्वार रिज के तौर पर जाना जाता है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में 2004 में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। शहर में 2001 में 3.3 तीव्रता का भूकंप भी आया था। राष्ट्रीय राजधानी के पास 6.7 तीव्रता का तेज भूकंप 10 अक्टूबर, 1956 को बुलंदशहर और 5.8 तीव्रता का भूकंप 15 अगस्त 1966 को मुरादाबाद में आया था। दोनों ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में आते हैं।