CAA का विरोध करने वालों को कुत्ते कहने से दिक्कत है तो बंदर कह दो: बंगाल BJP महासचिव

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2020 02:34 PM2020-01-21T14:34:55+5:302020-01-21T14:34:55+5:30

बसु ने कहा कि टीएमसी वालों ने सीएए का विरोध करने के लिए लोगों को 500-500 रुपये दिया और पैसा नहीं मिलने पर उन लोगों ने विरोध बंद कर दिया। बसु ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पिछले महीने एक विरोधी सीएए रैली में उठाए गए 'सीएए सीए ची ची' (सीएए सीएए, शर्मनाक) नारे का भी जिक्र किया और कहा कि नारा लगाने वालों में से प्रत्येक ने 500 रुपये का भुगतान किया।

If those opposing CAA have problems with calling dogs, then say monkey: Bengal BJP General Secretary | CAA का विरोध करने वालों को कुत्ते कहने से दिक्कत है तो बंदर कह दो: बंगाल BJP महासचिव

CAA का विरोध करने वालों को कुत्ते कहने से दिक्कत है तो बंदर कह दो: बंगाल BJP महासचिव

Highlightsबसु ने कहा कि ऐसे लोगों को कुत्ता कहने से समस्या है तो बंदर कह दीजिए।उन्होंने कहा, "जो लोग 'सीएए ची ची ची' का नारा लगाते हैं, उन्हें 500 रुपये मिलते हैं।"

नागरिकता संशोधन कानून पर देश भर में हो रहे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता व महासचिव सयंतन बसु ने कहा है कि सीएए के विरोध करने वालों को कुत्ते कहने से दिक्कत है तो बंदर कह दो। दरअसल, भाजपा नेता को यह बयान तब आया है जब भाजपा सांसद ने इस कानून के विरोध करने वालों को ममता बनर्जी का कुत्ता कह दिया था। इसी पर बसु ने कहा कि ऐसे लोगों को कुत्ता कहने से समस्या है तो बंदर कह दीजिए।

बसु ने कहा कि टीएमसी वालों ने सीएए का विरोध करने के लिए लोगों को 500-500 रुपये दिया और पैसा नहीं मिलने पर उन लोगों ने विरोध बंद कर दिया। बसु ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पिछले महीने एक विरोधी सीएए रैली में उठाए गए 'सीएए सीए ची ची' (सीएए सीएए, शर्मनाक) नारे का भी जिक्र किया और कहा कि नारा लगाने वालों में से प्रत्येक ने 500 रुपये का भुगतान किया।

उन्होंने कहा, "जो लोग 'सीएए ची ची ची' का नारा लगाते हैं, उन्हें 500 रुपये मिलते हैं। लेकिन इस तरह के नारे नहीं दिए जा रहे हैं, क्योंकि पैसा समय पर नहीं पहुंचा।"

दरअसल, पश्चिम बंगाल में लोगों ने  सीएए, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के खिलाफ सड़कों पर उतरकर भाजपा के गुस्सा को एख तरह से भड़का दिया है, यही वजह है कि बंगाल के भाजपा नेता अक्सर गुस्से में आकर विवादित बयान दे रहे हैं। 

याद दिला दे कि कुछ दिन पहले, पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इन बुद्धिजीवियों को "जीव", "शैतान" और "परजीवी" के रूप में वर्णित किया। दिलीप घोष ने कहा, "कोलकाता की सड़कों पर बुद्धिजीवी कहे जाने वाले कुछ जीव बाहर आ गए हैं। ये परजीवी बुद्धिजीवी, जो दूसरे की जेब से बाहर रहते हैं और आनंद लेते हैं, बांग्लादेश में हमारे पूर्वजों पर अत्याचार किए जाने पर वे कहाँ थे? ये शैतान हमारे भोजन पर रहते हैं, और हमारा विरोध करते हैं?"
 
वरिष्ठ टीएमसी नेता और राज्य मंत्री तापस रॉय ने  बसु की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान हमारे लिए आश्चर्यजनक नहीं है। रॉय ने कहा कि जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ही अपमानजनक टिप्पणी कर रहा है तो बाकी नेताओं से क्या ही उम्मीद किया जाए।


 

English summary :
If those opposing CAA have problems with calling dogs, then say monkey: Bengal BJP General Secretary


Web Title: If those opposing CAA have problems with calling dogs, then say monkey: Bengal BJP General Secretary

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