राज्य अपनाते राजस्व भागीदारी फॉर्मूला तो गन्ना किसानों को 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होती

By भाषा | Published: December 6, 2019 06:15 AM2019-12-06T06:15:00+5:302019-12-06T06:15:00+5:30

सी रंगराजन समिति ने 2012 में इस फॉर्मूला की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने इस पर विचार करने के बाद इसको अपनाने और क्रियान्वित करने का मामला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया था। 

If the state adopts revenue sharing formula, sugarcane farmers would have got an additional income of Rs 9,000 crore. | राज्य अपनाते राजस्व भागीदारी फॉर्मूला तो गन्ना किसानों को 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होती

राज्य अपनाते राजस्व भागीदारी फॉर्मूला तो गन्ना किसानों को 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होती

Highlightsगन्ना किसानों को 10 साल में 8,000 से 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होती। सी रंगराजन समिति ने चीनी क्षेत्र के लिए इस फॉर्मूले की सिफारिश की थी।

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने कहा है कि यदि राज्य सरकारों ने राजस्व भागीदारी फॉर्मूला को अपनाया होता तो गन्ना किसानों को 10 साल में 8,000 से 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होती। सी रंगराजन समिति ने चीनी क्षेत्र के लिए इस फॉर्मूले की सिफारिश की थी।

कृषि मूल्य पर सलाहकार निकाय सीएसीपी के चेयरमैन विजय पॉल शर्मा ने बृहस्पतिवार को भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) की 85वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उद्योग को आत्मनिर्भर बनना चाहिए। इसके लिए उसे गैर चीनी कारोबार में विविधीकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि अब बिगड़ी नीतियों से दूर हटने का समय आ गया है। हमें दीर्घावधि की दृष्टि से सोचने की जरूरत है और मौजूदा उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के बजाय राजस्व भागीदारी फॉर्मूला अपनाना चाहिए।

केंद्र ने गन्ने के लिए एफआरपी तय किया हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकारों ने राजस्व भागीदारी फॉर्मूला को अपनाया होता तो गन्ना किसानों को पिछले 10 साल में 8,000 से 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होती। सी रंगराजन समिति ने 2012 में इस फॉर्मूला की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने इस पर विचार करने के बाद इसको अपनाने और क्रियान्वित करने का मामला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया था। 

Web Title: If the state adopts revenue sharing formula, sugarcane farmers would have got an additional income of Rs 9,000 crore.

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