'यदि केंद्र परिवार के एक ही सदस्य के राजनीति में आने संबंधी कानून लाता है तो राजनीति छोड़ दूंगा'
By भाषा | Updated: January 24, 2021 22:32 IST2021-01-24T22:32:53+5:302021-01-24T22:32:53+5:30

'यदि केंद्र परिवार के एक ही सदस्य के राजनीति में आने संबंधी कानून लाता है तो राजनीति छोड़ दूंगा'
कुलटाली (पश्चिम बंगाल), 24 जनवरी तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने टीएमसी में भाई-भतीजावाद के आरोपों को लेकर भाजपा पर पलटवार करते हुए रविवार को कहा कि केन्द्र में यदि हिम्मत है तो वह परिवार के एक ही सदस्य के राजनीति में आने की अनुमति देने संबंधी कानून लाकर दिखाये।
डायमंड हार्बर से सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि केंद्र यदि इस तरह का कानून लेकर आएगा तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
बनर्जी ने साथ ही यह भी कहा कि अगर उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप साबित होंगे तो वह सार्वजनिक रूप से फांसी लगा लेंगे।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की युवा ईकाई के प्रमुख अभिषेक बनर्जी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिवार के एक से अधिक सदस्यों के सक्रिय राजनीति में आने से रोकने के लिए एक विधेयक लेकर आते है तो अगले ही पल वह (बनर्जी) राजनीतिक अखाड़े में नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कैलाश विजयवर्गीय से लेकर शुभेन्दु अधिकारी तक, मुकुल रॉय से राजनाथ सिंह तक, आपके परिवार के अन्य सदस्य हैं जो भाजपा के अहम पदों पर काबिज हैं।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर आप सुनिश्चित करेंगे कि परिवार का एक ही सदस्य सक्रिय राजनीति में होगा, तब तृणमूल कांग्रेस पार्टी में अगले ही पल हमारे परिवार से केवल ममता बनर्जी होंगी। यह मेरा वादा है।’’
भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें ‘लुटेरा’ कहने पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे अपने आरोपों को साबित कर देंगे तो वह सार्वजनिक रूप से खुद को फांसी लगा लेंगे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर शनिवार को विक्टोरिया मेमोरियल में हुई घटना का संदर्भ देते हुए बनर्जी ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ के नारे जानबूझकर कर ममता बनर्जी को भाषण देने से रोकने के लिए लगाए गए थे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति में नारे लगाए जाने के बाद ममता बनर्जी ने भाषण देने से इनकार कर दिया था।
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि सरकारी कार्यक्रम में अगर ऐसे नारों से नेताजी का अपमान किया जाएगा तो हम उसका विरोध करने के लिए खड़े होंगे। बंगाल विरोध करने के लिए खड़ा होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप हजार बार मंदिर में, धार्मिक कार्यक्रम में, अपने घर में जय श्रीराम के नारे लगाए लेकिन इस तरह के सरकारी कार्यक्रम में नहीं, जिसे नेताजी जैसे नायक की याद में आयोजित किया गया था।’’
बनर्जी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम को उन्हें संबोधित नहीं करने देना उन लोगों का भी अपमान है जिन्होंने उन्हें विधानसभा में चुनकर भेजा है।
भाजपा नेता सोवन चटर्जी पर निशाना साधते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘‘तीन साल बाद निंद्रा से जागने के बाद, वह अब एक गलत दावा कर रहे हैं कि उन्होंने 2014 में डायमंड हार्बर में मेरी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें पता होना चाहिए कि इलाके के लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं।’’
चटर्जी का नाम लिये बगैर बनर्जी ने उन्हें दक्षिण 24 परगना जिले की 31 सीटों में से किसी भी सीट पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने पश्चिम बंगाल को उसके जीएसटी के बकाये से वंचित कर दिया है लेकिन राज्य भाजपा इस मुद्दे पर मूकदर्शक बनी हुई है।
बनर्जी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना 'स्वास्थ्य साथी' को ‘झूठ का पिटारा’ बताया है जबकि उनके परिवार के सदस्य स्वास्थ्य कार्ड के लिए शिविरों में पंक्तियों में खड़े है।
उन्होंने कहा, ‘‘घोष के परिवार के सदस्य सही काम कर रहे हैं क्योंकि वे योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ के हकदार हैं। उन्होंनें भी उनके (घोष) जैसे नेताओं के दावों की हवा निकाल दी।’’
इस बीच बनर्जी की वंशवाद की राजनीति पर की गई टिप्पणी पर भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने पहले कभी ऐसी मांग नहीं की और अब वह ऐसा बयान दे रहे हैं क्योंकि अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी (बनर्जी) पार्टी की हार तय है।
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