अगर कांग्रेस तैयार नहीं है तो नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 की बहाली की लड़ाई खुद लड़ेगी: उमर

By भाषा | Updated: November 29, 2021 19:17 IST2021-11-29T19:17:35+5:302021-11-29T19:17:35+5:30

If Congress is not ready, National Conference will fight for the restoration of Article 370 itself: Omar | अगर कांग्रेस तैयार नहीं है तो नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 की बहाली की लड़ाई खुद लड़ेगी: उमर

अगर कांग्रेस तैयार नहीं है तो नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 की बहाली की लड़ाई खुद लड़ेगी: उमर

जम्मू, 29 नवंबर कांग्रेस की चुप्पी के लिए उसकी आलोचना करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि अगर कांग्रेस अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार नहीं है तो उनकी पार्टी अपने दम पर इस लड़ाई को लड़ेगी।

अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का भविष्य विशेष दर्जे से जुड़ा है जिसकी गारंटी संविधान में दी गई है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली का मामला शीर्ष अदालत में बहुत मजबूत है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के बाद अखबारों समेत संस्थानों को कमजोर कर भाजपा पर ‘लोकतंत्र की हत्या करने’ का आरोप लगाया और कहा कि इसने दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के भारत के नारे को "खोखला" बना दिया है।

अब्दुल्ला चेनाब घाटी क्षेत्र की यात्रा पर हैं और उन्होंने किश्तवाड़ शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “(उच्चतम न्यायालय के समक्ष अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए) हमारा मामला बहुत मजबूत है... हमें विपक्षी दलों से समर्थन की उम्मीद थी लेकिन वे चुप हैं। हमारा वजूद इस अनुच्छेद से जुड़ा है।”

इससे पहले अब्दुल्ला ने पार्टी महासचिव अली मोहम्मद सागर सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के संग हज़रत शाह फरीद-उद-दीन बगदादी और हज़रत शाह असरार-उद-दीन- वली की प्रसिद्ध दरगाहों पर ज़ियारत की और जम्मू कश्मीर में स्थायी शांति व समृद्धि की दुआ मांगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कथित रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 के बारे में बोलना निरर्थक है। इसपर टिप्पणी करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, “मैं उनके बयान से मायूस हूं क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हैं।”

उन्होंने कहा, “अगर अनुच्छेद 370 हमारी विरासत है, तो यह हमसे ज्यादा आपकी पार्टी की विरासत भी है। कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ही अनुच्छेद 370 लाए थे और आज कांग्रेसी अपनी विरासत की रक्षा करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में उससे लोगों को बचाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने अदालत के निर्णय से पहले ही अपना फैसला कर लिया है। अदालत ने अभी अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू नहीं की है।

अब्दुल्ला ने कहा, “अगर वे (कांग्रेस) इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार नहीं है तो कोई बात नहीं। हम अकेले ही इसे इसके तार्किक निष्कर्ष तक लेकर जाएंगे। हम लड़ेंगे क्योंकि यह लड़ाई जम्मू-कश्मीर के लोगों के भविष्य, उनकी नौकरियों और जमीन से जुड़ी है जो स्थानीय लोगों की पहली प्राथमिकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई इंसाफ पर आधारित है और सम्मान और गरिमा की बहाली के लिए है जो उनसे असंवैधानिक तरीके से छीन ली गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ‘केंद्र शासित प्रदेश शब्द’ से सहज नहीं हैं और आरोप लगाया कि जब तत्कालीन राज्य के दर्जे को कम किया जा रहा था तो लोगों से झूठ कहा गया और झूठे वादों और नारों से उन्हें गुमराह किया गया।

अब्दुल्ला ने कहा, “हमें बताया गया था कि अनुच्छेद 370 औद्योगीकरण, हमारे युवाओं के लिए रोजगार के मौके पैदा करने के लिए एक रूकावट था और गरीबी का मुख्य कारण था और इसे हटाने से विकास और नई परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा ... इसका आज पर्दाफाश हो गया है।”

उन्होंने इन दावों पर सवाल किया कि अनुच्छेद 370 खोखला था और पूछा कि इसके अधिकतर प्रावधान रद्द करने की क्या जरूरत थी?

भाजपा पर जम्मू-कश्मीर में "दैनिक आधार" पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों पर दबाव डाला जा रहा है और उन्हें घाटी में सच लिखने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर वे कुछ लिखते हैं, तो उन्हें थानों में बुलाया जाता है और तुरंत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। अगर सरकार को गुस्सा आता है, तो वे समाचार पत्रों के विज्ञापन बंद कर देती है।"

अब्दुल्ला ने दावा किया कि अखबारों को अभिलेखागार से पुराने लेखों को हटाने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है ताकि एक "नया इतिहास" लिखा जा सके।

उन्होंने नेशनल कॉफ्रेंस को भी तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने लोगों से पूछा कि अगस्त 2019 के बाद से उन्होंने जमीन पर क्या बदलाव देखें है। अब्दुल्ला ने कहा, "मजहब, जाति, नस्ल और क्षेत्रीय राजनीति को एक तरफ रखें और अपने आप से पूछें कि क्या हमारी जिंदगी में कोई सुधार हुआ है।

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