सशस्त्र सेनाओं के बीच समन्वय के विचार पर प्रतिबद्ध है वायुसेना : एयर चीफ मार्शल

By भाषा | Updated: October 5, 2021 23:21 IST2021-10-05T23:21:10+5:302021-10-05T23:21:10+5:30

IAF is committed to the idea of coordination between armed forces: Air Chief Marshal | सशस्त्र सेनाओं के बीच समन्वय के विचार पर प्रतिबद्ध है वायुसेना : एयर चीफ मार्शल

सशस्त्र सेनाओं के बीच समन्वय के विचार पर प्रतिबद्ध है वायुसेना : एयर चीफ मार्शल

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने मंगलवार को कहा कि भारत के सैन्य संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग के लिए भारतीय वायुसेना तीनों सेनाओं की संयुक्त कमान की पहल के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन साथ ही उन्होंने जोर दिया कि संगठन में बदलाव किए जाने के समय सभी सेवाओं की ताकत, उनकी आवश्यकताओं और सिद्धांत को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

वायुसेना दिवस (आठ अक्टूबर) से पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय वायुसेना कोई सहायक शाखा नहीं है और दुनियाभर में सभी वायुसेनाओं की तमाम भूमिकाएं हैं जिसमें आक्रमण करना भी शामिल है।

गौरतलब है कि वायुसेना प्रमुख के विचार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत से मेल नहीं खाते हैं।

वायुसेना के नवनियुक्त प्रमुख एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि भारतीय वायुसेना पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है और चीन द्वारा तिब्बत में विकसित नये एयरबेस और अन्य बुनियादी ढांचों से वायुसेना की लड़ाकू तैयारियों पर कोई असर नहीं होगा तथा वह किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

वायुसेना के नवनियुक्त प्रमुख ने भारतीय वायुसेना की आधुनिकीकरण योजना, भूराजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर उत्पन्न नयी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने, अज्ञात ड्रोन आदि से निपटने के लिए बल की क्षमता को बढ़ाने, मिग-21 जैसे पुराने लड़ाकू विमानों को सेवा से हटाने और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 114 मल्टी-रोल लड़ाकू विमान (एमआरएफए) की प्रस्तावित खरीद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि अगले 10-15 साल में 42 स्क्वाड्रन बनाने के अपने लक्ष्य को वायुसेना संभवत: प्राप्त नहीं कर सकेगी और उसके पास अगले दशक तक करीब 35 स्क्वाड्रन होंगे क्योंकि पुराने विमानों को बेड़े से हटाया जाएगा। प्रत्येक लड़ाकू स्क्वाड्रन में करीब 18 विमान होते हैं।

पुराने लड़ाकू विमानों को हटाने और उनकी जगह नये विमान लाने के संबंध में बात करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना के पास मिग-21 के चार स्क्वाड्रन हैं और इन सभी को अगले तीन-चार साल में सेवामुक्त करने की योजना है।

पाकिस्तान और चीन के बीच करीबी संबंधों के कारण उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के संबंध में एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि उस साझेदारी के बारे में चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के माध्यम से चीन तक पश्चिमी तकनीकों/प्रौद्योगिकी के पहुंचने की आशंका को लेकर चिंता जतायी।

देश को यह आश्वासन देते हुए कि भारतीय वायुसेना सभी परिस्थितियों में देश की सम्प्रभुता और हितों की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहेगी, एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि वायुसेना चीन और पाकिस्तान के साथ ‘‘दो मोर्चों’’ पर युद्ध की किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा बुनियादी ढांचा विकास बढ़ाए जाने के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि भारत को इसकी जानकारी है और रेखांकित किया कि पड़ोसी देश तिब्बत में तीन एयरबेस पर विकास जारी रखे हुए है।

हालांकि उन्होंने कहा कि चीन द्वारा एयरफील्ड और अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण किए जाने से भारतीय सेना की तैयारियों पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने सलाह दी कि ऊंचाई और क्षेत्र के कारण चीनी सेना प्रतिकूल स्थिति में है। उन्होंने कहा, ‘‘यह उनके लिए कमजोर क्षेत्र है।’’

वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति और चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’

तीनों सेनाओं की संयुक्त कमान पर उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है लेकिन नयी संरचनाएं बनाने से पहले चर्चा किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों सेनाओं के बीच विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की जा रही है।’’

तीनों सेवाओं की क्षमताओं में समन्वय और उनके संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए थिएटर कमान की योजना बनायी जा रही है।

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Web Title: IAF is committed to the idea of coordination between armed forces: Air Chief Marshal

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