बालाकोट एयरस्ट्राइक में वायु सेना ने गिराए थे 5 स्पाइस-2000 बम, जैश के ट्रेनिंग कैंप पर दिखे 'ब्लैक होल' के निशान: रिपोर्ट

By विकास कुमार | Published: March 22, 2019 04:54 PM2019-03-22T16:54:47+5:302019-03-22T16:54:47+5:30

रिपोर्ट के मुताबिक, मिग विमानों में 6 स्पाइस-2000 बम फिट किए गए थे लेकिन तकनीकी कारण से एक बम नहीं गिर पाया. वायु सेना ने तीन बम जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप पर गिराए थे जिसमें आम तौर पर 300 आतंकवादियों के रहने की व्यवस्था है.

IAF Airstrike in balakot spice 2000 5 bombs destroyed jaish camps sam pitroda questions and Rahul Gandhi | बालाकोट एयरस्ट्राइक में वायु सेना ने गिराए थे 5 स्पाइस-2000 बम, जैश के ट्रेनिंग कैंप पर दिखे 'ब्लैक होल' के निशान: रिपोर्ट

बालाकोट एयरस्ट्राइक में वायु सेना ने गिराए थे 5 स्पाइस-2000 बम, जैश के ट्रेनिंग कैंप पर दिखे 'ब्लैक होल' के निशान: रिपोर्ट

Highlightsकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीतिक सलाहकार सैम पित्रोदा ने बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाया है. द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, सैटलाइट तस्वीरों में ये देखा जा सकता है कि जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हुए हमले के स्थान पर ब्लैक होल देखा जा सकता है.बालाकोट में इजराइल निर्मित स्पाइस-2000 5 बमों का इस्तेमाल किया गया था.

पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए एयरस्ट्राइक को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स आते रहे हैं. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में इजराइल निर्मित स्पाइस-2000 5 बमों का इस्तेमाल किया था. 6 जगहों को चिन्हित किया गया था जिसमें कम से कम 3 टारगेट को सफलतापूर्वक निशाना साधा गया था. 

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, जैश के ट्रेनिंग कैंप की तस्वीरें भारत को इसरो ने मुहैया करवाई थी. इसके अलावा मित्र देशों से भी एचडी क्वालिटी की तस्वीरें एयरस्ट्राइक से पहले जुटाई गईं थी. मित्र देशों में अमेरिका के अलावा इजराइल और फ्रांस का समर्थन भी भारत को पूरे मुद्दे पर रहा है. एयरस्ट्राइक से पहले हमले के जगहों को प्रमाणिकता के साथ चिन्हित कर लिया गया था. 

इजराइल निर्मित है स्पाइस-2000 बम 

वायु सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के उन कैम्पों को चिन्हित किया था जहां बड़े पैमाने पर आतंकवादियों को ट्रेनिंग और फिदायीन हमले की तैयारी की जा रही थी. अचूक निशाना साधने के लिए इजराइल निर्मित स्पाइस-2000 बमों का इस्तेमाल किया गया था. इस बम का कूल भार 900 किलोग्राम है और इसमें 95 किलोग्राम विस्फोटक रहता है. इस बम का इस्तेमाल बंकर के भीतर छिपे हुए टारगेट को साधने के लिए किया जाता है. इस बम की ख़ासियत यही है कि यह पहले अपने लक्ष्य को भेदता है और उसके बाद विस्फोट होता है. 

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, सैटलाइट तस्वीरों में ये देखा जा सकता है कि जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हुए हमले के स्थान पर ब्लैक होल दिख रहा है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि हवाई हमले के डर के कारण ट्रेनिंग कैंप की छतें बहुत ही मजबूती से बनायी जाती हैं इसलिए स्पाइस-2000 बम का इस्तेमाल किया गया था. यह बम कंप्यूटर द्वारा संचालित होता है जिसमें टारगेट को जीपीएस के रूप में फिट किया जाता है. जिसके कारण टारगेट अपने जगह पर अचूक निशाना साधता है. 

मिग विमान में फिट किए गए थे 6 बम 

रिपोर्ट के मुताबिक, मिग विमानों में 6 स्पाइस-2000 बम फिट किए गए थे लेकिन तकनीकी कारण से एक बम नहीं गिर पाया. वायु सेना ने तीन बम जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप पर गिराए थे जिसमें आम तौर पर 300 आतंकवादियों के रहने की व्यवस्था है. लेकिन पुलवामा हमले के बाद जैश ने अपने आतंकवादियों को कैंप से वापस बुला लिया था. लेकिन फिर भी एक बड़ी संख्या में फिदायीन वहां पर ट्रेनिंग ले रहे थे. 

जिस कैंप पर 3 बम गिराए गए थे वो दो मंजिला है. बता दें कि पुलवामा हमले में जैश के आत्मघाती हमलावर ने 80 KG आरडीएक्स का इस्तेमाल किया था जिसमें सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे.  आज ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीतिक सलाहकार सैम पित्रोदा ने बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाया है. 

Web Title: IAF Airstrike in balakot spice 2000 5 bombs destroyed jaish camps sam pitroda questions and Rahul Gandhi

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