मुझे गोरखपुर जाने से रोका गयाः पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर

By भाषा | Published: August 21, 2021 07:12 PM2021-08-21T19:12:15+5:302021-08-21T19:12:15+5:30

I was stopped from going to Gorakhpur: Former IPS Amitabh Thakur | मुझे गोरखपुर जाने से रोका गयाः पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर

मुझे गोरखपुर जाने से रोका गयाः पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने शनिवार को अपनी जान को खतरा होने का उल्लेख करते हुए दावा किया कि उन्हें पुलिस ने गोरखपुर जाने से रोका। ठाकुर को 23 मार्च को "जनहित" में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी,क्योंकि उन्हें अपनी सेवा के शेष कार्यकाल के लिए "अयोग्य" पाया गया था। इससे पूर्व ठाकुर के परिवार ने घोषणा की थी कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने इसे सिद्धातों की लड़ाई करार दिया था। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री पद संभालने से पहले योगी संसद में गोरखपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते थे। अमिताभ ठाकुर ने शनिवार को जारी एक वीडियो बयान में कहा, "सुबह, जब मैं अपने एक दोस्त के साथ गोरखपुर के लिए रवाना होने वाला था, तभी पुलिस क्षेत्राधिकारी (गोमतीनगर) के साथ पुलिस का एक दल मेरे आवास पर पहुंचा, और कहा कि आप गोरखपुर नहीं जा सकते। जब मैंने उनसे इसका कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि मेरी जान को खतरा है।" ठाकुर ने कहा, ‘‘इस तरह तो (उप्र के मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ को भी कहीं नहीं जाना चाहिए, क्योंकि उनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें आईएसआई और कई अन्य लोगों से जान का खतरा है। लेकिन वह सुरक्षा व्यवस्था के साथ जाते हैं। मुझे भी सुरक्षा दी जानी चाहिये और किसी धमकी के नाम पर मुझे कहीं जाने से नहीं रोका जाना चाहिए। बताया गया कि मुझे एक विशेष समुदाय की महिलाओं के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि योगी आदित्यनाथ मेरे जैसे छोटे व्यक्ति से डरते हैं।’’ अमिताभ ठाकुर के परिवार ने 14 अगस्त को कहा था कि वह योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यहां जारी एक बयान में ठाकुर की पत्नी नूतन ने कहा था कि यह सिद्धातों की लड़ाई है। उन्होंने कहा था, ‘‘आदित्यनाथ ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में तमाम अलोकतांत्रिक, अराजक, दमनकारी, उत्पीड़नात्मक तथा विभेदकारी कार्य किये, वे इनके विरोध में आदित्यनाथ जहां से भी चुनाव लड़ेंगे, वहां से वह अवश्य ही चुनाव लड़ेंगे।’’ गौरतलब है कि ठाकुर को गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया था कि ठाकुर को "उनकी सेवा के शेष कार्यकाल के लिए बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया।’’ वर्ष 2017 में ठाकुर ने केंद्र से आग्रह किया था कि उनका कैडर राज्य बदल दिया जाए। ठाकुर को 13 जुलाई 2015 को निलंबित कर दिया गया था। इससे कुछ दिन पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाया था। उनके खिलाफ विजिलेंस जांच भी शुरू की गई थी। हालांकि, केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की लखनऊ पीठ ने अप्रैल 2016 में उनके निलंबन पर रोक लगा दी और 11 अक्टूबर 2015 से पूरे वेतन के साथ उनकी बहाली का आदेश दिया था।

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