केंद्रीय मंत्री के बयान पर सुब्रमण्यम स्वामी का पलटवार, कहा- रोजाना संसद जाता हूं तो क्यों न लूं सैलरी
By रामदीप मिश्रा | Published: April 5, 2018 04:09 PM2018-04-05T16:09:10+5:302018-04-05T16:10:18+5:30
विपक्ष को शर्मिंदा करने के प्रयास में, केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा था सत्तारूढ़ के सांसद वर्तमान बजट सत्र के उन 23 दिन का वेतन नही लेंगे जब कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के विरोध प्रदर्शन के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी।
नई दिल्ली, 5 अप्रैलः नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को कहा था कि सत्तारूढ़ (राजग) के सांसद वर्तमान बजट सत्र के 23 दिनों की सैलरी नहीं लेंगे, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को पलटवार किया और अपनी पार्टी लाइन से हटकर जवाब दिया।
उन्होंने कहा 'मैं रोजाना संसद जाता हूं, अगर संसद नहीं चली इसमें मेरी क्या गलती है। इसके साथ ही मैं राष्ट्रपति का प्रतिनिधि हूं। जब तक वह नहीं कहते मैं कैसे कह सकता हूं कि मैं सैलरी नहीं लूंगा।'
I used to go daily, if House didn't run it isn't my fault. Anyhow I'm President's representative, until he says so, how can I say I'll not take my salary: S.Swamy on Ananth Kumar's statement, 'BJP-NDA MPs have decided to not take salaries as Parliament hasn't been functioning' pic.twitter.com/q8sX20knq3
— ANI (@ANI) April 5, 2018
आपको बता दें कि विपक्ष को शर्मिंदा करने के प्रयास में, केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा था सत्तारूढ़ के सांसद वर्तमान बजट सत्र के उन 23 दिन का वेतन नही लेंगे जब कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के विरोध प्रदर्शन के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी।
कुमार ने संसद के दोनों सदनों में हंगामे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह लोकतंत्र विरोधी राजनीति कर रही है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित होने से रोका जो करदाताओं के धन की 'आपराधिक क्षति' है। बीजेपी और कई सहयोगी दलों वाले राजग के सांसद सत्र के बाधित हिस्से के लिए अपना वेतन नही लेंगे। वहीं, सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।
इधर, लोकसभा में हंगामे के कारण गुरुवार को लगातार 21वें दिन भी कुछ कामकाज नहीं हो सका। कांग्रेस ने खुद को अविश्वास प्रस्ताव समेत हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार बताया तो सरकार ने बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से बने हुए गतिरोध के लिए मुख्य विपक्षी दल को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ चुका है और जब इसके समाप्त होने में एक दिन शेष बचा है तो किसी विशेष कामकाज की उम्मीद भी नहीं बची है। गुरुवार को भी अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सके।