नई दिल्ली, 21 अगस्तः पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को गले लगाकर सुर्खियों में आए कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू अब सफाई देते फिर रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा, 'कई कांग्रेस के लोगों ने भी इस बारे में बोला। यहां तक कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी। हमारे यहां लोकतंत्र है। हम सब को अपनी राय जाहिर करने का अधिकार है।'
इससे आगे सिद्धू ने बताया, 'मेरे पास 10 बार न्योता आया। तब जाकर मैंने भारतीय सरकार से इसके लिए अनुमति मांगी। लेकिन मुझे अनुमति नहीं मिली। मैं इंतजार करता रहा। लेकिन पाकिस्तान के वीजा मिलने के दो दिन बाद खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मुझे फोन आया। करीब रात में। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने मुझे पाकिस्तान जाने की अनुमति दे दी है।'
असल, में नवनियुक्त पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गए नवजोत सिंह सिद्धू तब विवादों से घिर गए जब उन्होंने वहां पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को गले लगा लिया। ठीक उठी समय पाकिस्तानी सेना के भारतीय सेनाओं पर हमला करने की रिपोर्ट आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सिद्धू को घेरा।
इसके बाद सोशल मीडिया पर एक बयार चल गई। जिनमें सिद्धू को पाकिस्तानी तक बता दिया गया। गौरतलब है कि सिद्धू को इमरान खान ने अपने क्रिकेट के जमाने की दोस्ती के आधार पर बुलाया था। इमरान ने सिद्धू के अलासा सुनील गावस्कर और कपिल देव को भी भारत से पाकिस्तान बुलाया था। लेकिन इनमें केवल सिद्धू ने वहां जाना स्वीकार किया।
अब सिद्धू के पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष से गले मिलने की सोशल मीडिया से लेकर राजनैतिक गलियारों में भी आलोचना हो रही है। यहां तक कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू को ऐसा ना करने की सलाह दे डाली थी। इसके बाद से माहौल गरमाया हुआ है।