मुझे मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिये राजनीति में नहीं: गौरव गोगोई

By भाषा | Updated: March 24, 2021 15:47 IST2021-03-24T15:47:35+5:302021-03-24T15:47:35+5:30

I do not crave the post of Chief Minister, not in politics for personal ambition: Gaurav Gogoi | मुझे मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिये राजनीति में नहीं: गौरव गोगोई

मुझे मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिये राजनीति में नहीं: गौरव गोगोई

(त्रिदीप लहकार)

गुवाहाटी, 24 मार्च तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई के बेटे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने बुधवार को कहा कि वह राज्य सरकार में कोई पद पाने की लालसा नहीं रखते हैं और अपने पिता की आखिरी इच्छा के अनुरूप उनके विधानसभा क्षेत्र तीताबोर का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।

असम कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष गौरव ने कहा कि उनके पिता के निधन के बाद राज्य में पार्टी अनाथ जैसी हो गई थी लेकिन उनके विचार और लोगों के बीच उनकी साख उनके व उनके साथियों के लिये प्रेरणा का काम करती है।

गोगोई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा, “मुझे मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं है। मैं कभी भी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिये राजनीति में नहीं आया था। मैं असम में कांग्रेस के नेतृत्व वाली ‘महाजोत’ सरकार बनाने को लेकर प्रयासरत हूं।”

राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन असम में सरकार बनाता है तो कालियाबोर से लोकसभा सांसद गोगोई मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं, यद्यपि विपक्षी दल ने आधिकारिक तौर पर अब तक किसी नाम का ऐलान नहीं किया है।

गोगोई ने कहा, “मैं पार्टी द्वारा मुझे दिये गए सभी अवसरों के लिये शुक्रगुजार हूं। उन्होंने मुझे लोकसभा में उप नेता और एआईसीसी प्रभारी बनाया। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी मैं हमेशा निभाऊंगा।”

जोरहाट जिले के तीताबोर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि यह उनके पिता की आखिरी इच्छाओं में से एक थी कि उनका उत्तराधिकारी परिवार से बाहर का, लेकिन क्षेत्र का मूल निवासी होना चाहिए।

गोगोई ने कहा, “मेरे पिता ने 20 वर्षों तक तीताबोर का प्रतिनिधित्व किया। हम चाहते थे कि उनका उत्तराधिकारी कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिसने सार्वजनिक जीवन में योगदान दिया हो और हमारे परिवार से न हो। यही वजह है कि मैं उस सीट से चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) नेतृत्व ने भी मेरे पिता की इच्छा को स्वीकार किया है।”

गोगोई परिवार के गढ़ माने जाने वाले तीताबोर से कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में भास्कर ज्योति बरुआ को टिकट दिया है।

गोगोई ने कहा कि उनके पिता की गैरमौजूदगी में पार्टी के चुनाव लड़ने से ऐसे लग रहा है जैसे घर के किसी बुजुर्ग का साया हम पर से उठ गया हो।

उन्होंने कहा, “उन्हें अक्सर आधुनिक असम और आधुनिक गुवाहाटी का शिल्पी करार दिया जाता है। आप जहां कहीं भी जाएंगे आपको कांग्रेस और उनके द्वारा किये गए काम की छाप दिखाई देगी। ऐसे में उनकी सकारात्मक ऊर्जा और मुस्कान के बिना चुनाव में उतरना ऐसी अनुभूति है जैसे हम अनाथ हों।”

गोगोई ने कहा, “लेकिन यह भी है कि हमनें उनसे काफी कुछ सीखा है, उन्होंने हम में से बहुत से लोगों को तैयार किया है। हमारे संबोधनों, हमारी प्रतिबद्धताओं के जरिये उनके विचार आज भी जिंदा हैं। हमारी गारंटी में उनके मूल्यों की प्रतिध्वनि है। हमारे घोषणा-पत्र में भी विकास और जनसेवा के उनके विचार परिलक्षित होते हैं, वह हमारे बीच नहीं होकर भी इस तरह हमारे बीच हैं। ”

गोगोई ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर इस नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती लेकिन वह जहां कहीं भी प्रचार के लिये जा रहे हैं अपने पिता के प्रति लोगों की सद्भावना देखकर अभिभूत हैं।

उन्होंने कहा, “आम तौर पर मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करता था लेकिन इस बार मैं बीते पांच-छह महीनों में राज्य में काफी घूमा। मैंने उनकी सरकार के दौरान लाभान्वित हुए लोगों को देखा। सेवानिवृत्त शिक्षक पेंशन पा रहे हैं, लोगों को सरकारी नौकरियां मिलीं- इन सबकी वजह से लोगों में उनकी काफी साख है। मुझे गर्व होता है।”

गौरतलब है कि 23 नवंबर 2020 को कोविड-19 के बाद की दिक्कतों के इलाज के दौरान 84 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था। उनके परिवार में पत्नी डॉली गोगोई, बेटी चंद्रिमा और बेटे गौरव हैं।

कांग्रेस के प्रचार के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने कहा कि यह हाल के वर्षों में सबसे प्रभावी है, नेता पार्टी का संदेश आम लोगों तक पहुंचाने के लिये प्रदेश भर में सामान्य बसों से सफर कर रहे हैं।

गोगोई ने कहा, “हम घर-घर जाकर जनसंपर्क करने, शिक्षकों, महिलाओं और अन्य लोगों के छोटे-छोटे समूहों के साथ बैठकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह जमीनी स्तर पर बेहद सशक्त अभियान है। हम अपने एजेंडा के साथ नहीं जाते और लोगों के मुद्दे खोजते हैं। उन मुद्दों के आधार पर हम पांच गारंटी लेकर आए हैं।”

कांग्रेस ने ‘गारंटी’ दी है कि अगर वह सत्ता में आई तो सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) को निरस्त करने के लिये कानून लाएगी, पांच लाख लोगों को नौकरी दी जाएगी, सभी के लिये 200 यूनिट बिजली मुफ्त होगी, गृहणियों को 2000 रुपये प्रतिमहीना दिया जाएगा और चाय बागान के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 365 रुपये की जाएगी।

कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग से मुकाबले के लिये एआईयूडीएफ, बीपीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा(माले), आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम), राजद और जिमोचयन (देवरी) पीपुल्स पार्टी (जेपीपी) के साथ ‘महागठबंधन’ बनाया है।

असम विधानसभा के लिये तीन चरणों में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को चुनाव होंगे। मतों की गिनती दो मई को होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: I do not crave the post of Chief Minister, not in politics for personal ambition: Gaurav Gogoi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे