"मैं बूढ़ा नहीं हूं, अभी भी कुछ लोगों को सीधा करने की ताकत रखता हूं", शरद पवार ने लंबी उम्र में सियासत करने के तंज पर किया पलटवार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 18, 2023 07:38 AM2023-12-18T07:38:29+5:302023-12-18T07:41:27+5:30
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीते रविवार को अपनी उम्र को लेकर हुई आलोचना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अभी भी बूढ़े नहीं हुए हैं और उनमें अभी भी "कुछ लोगों को सीधा करने" की ताकत है।
पुणे: वयोवृद्ध राजनेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने बीते रविवार को अपनी उम्र को लेकर हुई आलोचना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अभी भी बूढ़े नहीं हुए हैं और उनमें अभी भी "कुछ लोगों को सीधा करने" की ताकत है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार शरद पवार ने यह बात पुणे ग्रामीण के हवेली तालुका में अपने जन्मदिन के अवसर पर आयोजित बैलगाड़ी दौड़ कार्यक्रम में कही।
शरद पवार ने मौके पर मौजूद लोगों से कहा, ''मुझे आप लोगों से शिकायत है। आप लोग अक्सर मेरी उम्र पर टिप्पणी करते हैं कि मैं 84 साल का हूं, मैं 83 साल का हूं। आप लोगों ने अब तक मुझमें क्या देखा? क्या मैं बूढ़ा हो गया हूं? मुझमें अभी भी बहुत ताकत बाकी है। मैं कुछ लोगों को अभी भी सीधा कर सकता हूं।"
उन्होंने बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता के बारे में भी बात करते हुए कहा कि अगर योजनाबद्ध तरीके से निर्णय लिया जाए तो इसे ओलंपिक में शामिल किया जा सकता है।
पवार ने कहा, "बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन गति, शक्ति और दृढ़ संकल्प को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। यदि इसमें योजनाबद्ध निर्णय लिए जाते हैं, तो मुझे विश्वास है कि इस आयोजन को दुनिया के कई अन्य खेल आयोजनों के बराबर लाया जा सकता है।"
बुढ़ापे को लेकर दिये गये उनके बयान को विरोधियों की आलोचना के लिए स्पष्ट खंडन के रूप में देखा जा रहा है, जो अक्सर उनकी उम्र को लेकर उन पर निशाना साधते रहे हैं और राजनीति से उन्हें संन्यास लेने की अपील कर रहे हैं।
गौरतलब है कि खुद शरद पवार के भतीजे अजित पवार भी पहले इस तरह की टिप्पणी कर चुके हैं। महाराष्ट्र की मौजूदा शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने 5 जुलाई को बांद्रा में पार्टी विधायकों और अन्य कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, "शरद पवार जी हमें अपना आशीर्वाद दें। दूसरे दिन वो वाईबी चव्हाण स्मारक गए थे। मैं भी वहां गया हूं लेकिन आप 83 साल के हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं? हमें अपना आशीर्वाद दें और हम प्रार्थना करेंगे कि आप लंबी उम्र जिएं।''
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 12 दिसंबर को एनसीपी प्रमुख शरद पवार को उनके 83वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी थी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "श्री शरद पवार जी को उनके जन्मदिन पर मेरी शुभकामनाएं। उन्हें लंबे और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिले।"
मालूम हो कि कांग्रेस से राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले शरद पवार ने 1999 में एनसीपी की स्थापना की। वह 27 साल की कम उम्र में पहली बार विधायक बने। साल 1978 में 38 साल की उम्र में राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने। वह चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। इसके अलावा वो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट में कृषि मंत्री भी थे।
वह एनसीपी के पहले और पूर्व अध्यक्ष थे, जिसकी स्थापना 1999 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होने के बाद हुई थी।
कांग्रेस से बाहर होने के बाद शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की। उन्होंने, तारिक अनवर और पीए संगमा ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस कार्य समिति में विद्रोह कर दिया, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया। महाराष्ट्र, गोवा, मेघालय और मणिपुर राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद एनसीपी ने जल्द ही एक राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता हासिल कर ली। हालाकि, इस साल उसने यह दर्जा खो दिया है।
पवार ग्रामीण महाराष्ट्र से हैं और राजनीतिक हलकों में उन्हें 'चाणक्य' भी कहा जाता है। उन्होंने कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच गठबंधन, महा विकास अघाड़ी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।