जामिया व AMU के छात्रों के समर्थन में आए मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्र, परीक्षा स्थगित करने की मांग की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 16, 2019 09:01 AM2019-12-16T09:01:12+5:302019-12-16T09:02:11+5:30
संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का रविवार को पुलिस के साथ संघर्ष हो गया और उन्होंने दक्षिण पूर्व दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में डीटीसी की कई बसों और एक अग्निशमन गाड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि इस हिंसक प्रदर्शन में एक सिपाही और दो दमकलकर्मी जख्मी हो गए।
हैदराबाद स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) के छात्र संघ ने जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है। छात्र संघ ने छात्रों पर प्रदर्शन के दौरान हुए पुलिस हमले का विरोध किया है। छात्र संघ ने इन दोनों यूनिवर्सिटी में हुए पुलिस कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए अपने संस्थान के परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि MANUU के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। प्रदर्शन के कारण छात्र परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, ऐसे में आपसे अनुरोध है कि आप इसे कुछ समय के लिए स्थगित कर दें।
Hyderabad:Maulana Azad National Urdu University (MANUU) students' union writes to controller of examination of university,stating 'due to protests by MANUU students against police's attack on Jamia&AMU students,MANUU students are boycotting exams,request you to postpone the same'
— ANI (@ANI) December 16, 2019
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का रविवार को पुलिस के साथ संघर्ष हो गया और उन्होंने दक्षिण पूर्व दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में डीटीसी की कई बसों और एक अग्निशमन गाड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि इस हिंसक प्रदर्शन में एक सिपाही और दो दमकलकर्मी जख्मी हो गए।
हालांकि, जामिया मिल्लिया छात्रों के समूह ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग किया। दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर दमकल की चार गाड़ियां भेजी गई हैं। प्रदर्शनकारियों की हिंसा में एक दमकल गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और दो कर्मी जख्मी हो गए।
कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव सिमॉन फारूकी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से मथुरा रोड पर बैठे थे तभी पुलिस ने उनमें से कुछ को ‘‘परेशान’’ करने का प्रयास किया जिसका उन्होंने विरोध किया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया छात्रों के एक समूह ने कहा कि हिंसा और आगजनी से उनका कोई लेना-देना नहीं है।