Madhya Pradesh: MP में हर दिन सैकड़ों अबॉर्शन। आंकड़ें चौकानें वाले!
By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: February 13, 2024 08:20 PM2024-02-13T20:20:09+5:302024-02-13T20:21:58+5:30
MP में दुष्कर्म पीड़िता,नाबालिग,मानसिक मंद,शारिरिक कमजोर के अलावा बड़ी संख्या में महिलाओं के अबॉर्शन हो रहे है। सरकार के तीन साल के जारी आंकड़ें चौकाने वाले है। Exclusive Report...
एमपी में अबार्शन का आंकड़ें हैरान करने वाले
मध्य प्रदेश में अबॉर्शन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं प्रदेश में के बड़े शहरों में अबॉर्शन के मामले चौंकाने वाले हैं। सबसे ज्यादा अबॉर्शन के मामले में इंदौर शहर से है इंदौर में बीते 3 सालों में 17 हजार से ज्यादा अबॉर्शन के मामले सामने आए हैं। इसी तरीके से उज्जैन जबलपुर धार और भोपाल में भी हजारों अबॉर्शन हुए हैं ।
केंद्र सरकार ने 2021 में कानून में किया बदलाव
केंद्र सरकार के साल 2021 में कानून में बदलाव के बाद अबॉर्शन के लिए प्रेगनेंसी की अधिकतम समय सीमा को 20 हफ्ते से बढ़कर 24 हफ्ते कर दिया गया है अबॉर्शन के मामलों में कोर्ट तक से अनुमति के बाद कई मामलों में 24 हफ्ते से भी ज्यादा लंबी प्रेगनेंसी में अबॉर्शन की अनुमति दी है लेकिन मध्य प्रदेश में अबॉर्शन के मामले में नाबालिग और मानसिक शारीरिक रूप से कमजोर महिला का होना बताया गया है।
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर सरकार ने दिया जवाब
मध्य मध्य प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है पूरे प्रदेश में अबॉर्शन के मामले सामने आए हैं ।
सबसे ज्यादा अबॉर्शन वाले जिलों में...
इंदौर 17441
उज्जैन 3024
जबलपुर 4963
धार 4942
भोपाल 837 अबॉर्शन के मामले आए हैं।
यह आंकड़े साल 2021 से लेकर दिसंबर 2023 तक के हैं। दरअसल नियम यह कि यदि कोई महिला 20 सप्ताह से कम समय से गर्भवती है तो केवल एक चिकित्सक की अनुमति के बाद ही अबॉर्शन हो सकता है अगर गर्भावस्था 20 से 24 सप्ताह के बीच है तो दो डॉक्टरों को स्वास्थ्य संबंधी आकलन के बाद फैसला लेना होता है और यदि बीच से 24 सप्ताह के गर्भपात के विकल्प में सिर्फ दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग मानसिक या शारीरिक रूप से बीमार महिलाओं को अनुमति दी जाती है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि हर उम्र और हर अवस्था के लोगों को एबॉर्शन की अनुमति दी गई है राज्य सरकार ने जारी आंकड़ों के साथ बताया है कि अबॉर्शन के मामलों में दी मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी अमेंडमेंट एक्ट 2021 के तहत अनुमतिया जारी की हुई है । लेकिन मध्य प्रदेश के बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक में अबॉर्शन के बढ़ रहे मामले चिंताजनक है।