नयी दिल्ली, 11 दिसंबर जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 रोधी पहले स्वदेशी एमआरएनए टीके ‘एचजीसीओ19’ को भारतीय औषधि नियामक से पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति मिल गई है।
इस टीके का विकास पुणे स्थित बायोफार्मा कंपनी जेनोवा ने किया है।
डीबीटी ने कहा कि भारतीय औषधि महानियंत्रक ने इस टीके के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की मंजूरी दे दी है।
एमआरएनए टीके में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए पारंपरिक मॉडल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसमें वायरस के सिंथेटिक आरएनए के जरिए शरीर में प्रोटीन उत्पन्न करने के लिए आण्विक विधि का इस्तेमाल किया जाता है।
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