राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि ‘‘आतंकवाद का अभिशाप’’ समाज में मानव अधिकारों के उल्लंघन के प्रमुख कारकों में से एक है।
एनएचआरसी ने कहा कि आशा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अमन-चैन का माहौल बनाने के लिए सीआरपीएफ के जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद रखा जाएगा और शोकसंतप्त परिवारों को उचित मुआवजा मिलेगा।
बयान में कहा गया कि एनएचआरसी आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवानों की मौत पर व्यथित है और घटना की निंदा करता है।
आयोग ने कहा कि आतंकवाद का अभिशाप हमारे समाज में मानवाधिकारों के उल्लंघन के प्रमुख कारकों में एक है ।