मेदिनीपुर: पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर के एगरा में हुए अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट मामले की जांच मानवाधिकार की टीम ने शुरू कर दी है।
गुरुवार को आधिकारियों की टीम घटनास्थल पर पहुंची और हालातों का जायजा लिया। इस दौरान मानवाधिकार आयोग के एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि अभी घटना की प्रारंभिक जांच चल रही है।
जांच पूरी होने के बाद इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट दो से तीन दिनों के भीतर आयोग को सौंपी जाएगी।
दरअसल, एगरा थाना क्षेत्र के खादिकुल गांव में मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे एक फैक्ट्री में जोरदार धमाका होने से पूरे इलाके में सनसनी मच गई।
धमाका इतना तेज था कि इसकी आवाज काफी दूर तक सुनाई थी। इस दर्दनाक घटना में करीब नौ लोगों की मौत हो गई और अन्य लोग घायल हो गए।
इतनी बड़ी घटना के सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार पर विपक्ष कई तरह के सवाल खड़ा रहा है तो वहीं पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के नेता इसे बीजेपी की साजिश बता रहे हैं।
मालूम हो कि इस मामले में आपराधिक जांच विभाग यानी सीआईडी ने विस्फोट के सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान कृष्णापाड़ा बाग उर्फ भानु बाग, उनके बेटे और भतीजे के रूप में हुई है।
भानु बाग घायल हालत में एक अस्पताल में है और वहां कटक में इलाज चल रहा है। उसे अब स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। दो अन्य भानु बाग के भतीजे और बेटे को भी हिरासत में लिया गया है।
ये घटना ऐसे समय में हुई है जब राज्य में पंचायत चुनाव नजदीक है और इस कारण इस घटना को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है। एएनआई के अनुसार, टीएमसी और फैक्ट्री मालिक मिलीभगत कर रहे हैं।
एक भानु बाग एक स्थानीय टीएमसी नेता है और 2013-18 से पंचायत सदस्य था। उसे ममता बनर्जी से सुरक्षा मिली हुई है। पुलिस के मुताबिक, फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी और मालिक को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था और चार्जशीट दायर की गई थी।
पश्चिम बंगाल पुलिस सीआईडी ने घटना की जांच शुरू कर दी है और राज्य सरकार द्वारा मामले को सौंपे जाने के बाद फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से जांच की जा रही है।
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को ढाई लाख रुपये और घायलों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
बता दें कि पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर घटना की "व्यापक जांच" की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच एनआईए को सौंपी जानी चाहिए।