यूनेस्को में भारत की ओर से कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को नामांकित किया गया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 1, 2022 04:51 PM2022-02-01T16:51:55+5:302022-02-01T16:57:25+5:30

होयसला मंदिर 12वीं-13वीं शताब्दी में बनाए गए थे। इन मंदिरों में होयसला कलाकारों और वास्तुकारों की रचनात्मक शैली को अनूठी कला कृतियों के जरिये दर्शाया गया है।

Hoysala temples of Belur, Halebid and Somanathapura in Karnataka nominated by India to UNESCO | यूनेस्को में भारत की ओर से कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को नामांकित किया गया

यूनेस्को में भारत की ओर से कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को नामांकित किया गया

Highlightsइन मंदिरों में होयसला कलाकारों की रचनात्मक शैली को अनूठी कला कृतियों के जरिये दर्शाया गया हैइन मंदिरों पर नागर परंपराओं और चालुक्यों के कर्नाटक द्रविड़ कला का प्रभाव दिखाई देता हैयूनेस्को की टीम कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों का निरीक्षण करेगी 

दिल्ली: भारतीय सभ्यता और संस्कृति में एक बड़ी उपब्लब्धी उस समय जुड़ी जब साल 2022-2023 की विश्व विरासत सूची के लिए कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को भारत के नामांकन के तौर पर शामिल किया गया।

इस मामले में जानकारी देते हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को साल 2022-2023 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के लिए भारत की ओर से नामांकित कर दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह मंदिर मानव रचनात्मक प्रतिभा के सर्वश्रेष्ठ बिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमारे देश की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साक्षी हैं। 

वहीं इस मामले में यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा ने कहा, "भारत को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के लिए "होयसाल के पवित्र कलाकारों की टुकड़ी" को नामित करते हुए गर्व हो रहा है।"

विशाल वी. शर्मा ने सोमवार को यूनेस्को के विश्व धरोहर के निदेशक लज़ारे एलौंडौ को भारत की ओर से नामांकन डोजियर दिया।

जानकारी के मुताबिक यूनेस्को मार्च की शुरुआत में जवाब देगा और सितंबर-अक्टूबर के बीच में कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों का निरीक्षण करेगा। 

जी किशन रेड्डी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में प्रधानमंत्री के प्रयासों के बारे में बात करते हुए कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा प्रयास है कि हम उस सांस्कृतिक विरासत को भी वापस ले आयें जिसे भारत से चुराकर विदेशों में ले जाया गया।

मालूम हो कि होयसला मंदिर 12वीं-13वीं शताब्दी में बनाए गए थे। इन मंदिरों में होयसला कलाकारों और वास्तुकारों की रचनात्मक शैली को अनूठी कला कृतियों के जरिये दर्शाया गया है।

इन मंदिरों में मध्य भारत में व्यापक रूप से प्रयोग में लाये जाने वाले प्रचलित भूमिजा मोड, उत्तरी और पश्चिमी भारत की नागर परंपराओं और कल्याणी चालुक्यों द्वारा समर्थित कर्नाटक द्रविड़ मोड के मजबूत प्रभाव दिखाई देते हैं।

Web Title: Hoysala temples of Belur, Halebid and Somanathapura in Karnataka nominated by India to UNESCO

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