ऑनर किलिंग के दोषी को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

By भाषा | Updated: October 12, 2021 18:49 IST2021-10-12T18:49:41+5:302021-10-12T18:49:41+5:30

Honor killing convict was sentenced to death by the court | ऑनर किलिंग के दोषी को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

ऑनर किलिंग के दोषी को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

सोनीपत , 12 अक्टूबर : खरखौदा में झूठी शान की खातिर लड़के के परिवार के सदस्यों की 2016 में सामूहिक हत्या करने के जुर्म में अदालत ने मंगलवार को दोषी को मौत की सजा सुनाई।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र पाल गोयल ने सामूहिक ऑनर किलिंग के मामले में सतेन्द्र उर्फ मोनी और हरीश को दोषी ठहराया था। अदालत ने आज दोषी को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने सजा सुनाने के बाद हरीश को जेल भेज दिया जबकि इसी मामले में दोषी लड़की का भाई सतेन्द्र उर्फ मोनू को सजा नहीं सुनाई गयी है।

नवंबर, 2016 में हुई इस वारदात में तीन व्यक्ति मारे गये थे और दो अन्य बुरी तरह जख्मी हो गये थे।

न्यायाधीश ने इस मामले को दुर्लभतम करार देते हुए कड़ी टिप्पणी की और इसे समाज में जातिगत वैमस्य बढ़ाने वाला बताया ।

खरखौदा निवासी सूरज ने नवंबर, 2016 को पुलिस को बताया था कि उसके बड़े भाई प्रदीप ने झज्जर के बिरधान की रहने वाली सुशीला से तीन साल पहले प्रेम विवाह किया था। वह 18 नवंबर 2016 की रात को परिवार के साथ घर पर सोए हुए थे। रात में करीब दस बजे कार में सवार होकर दो युवक घर पर आए। उन्होंने घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थी। गोली लगने से उसके भाई प्रदीप और मां सुनीता की मौके पर ही मौत हो गई थी। गोली लगने से सूरज, उसका पिता सुरेश और आरोपियों की बहन सुशीला गंभीर रूप से घायल हो गये थे। अस्पताल में उपचार के दौरान सुरेश ने भी दम तोड़ दिया था। घटना के समय सुशीला गर्भवती थी। गोली लगने से घायल होने पर उसे पीजीआई में भर्ती कराया गया जहां उसने एक बेटे को जन्म दिया था।

प्रदीप के परिवार में उसका भाई सूरज और एक बहन ही बची थी। मामले में सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोयल ने आरोपी सतेंद्र उर्फ मोनू और हरीश को दोषी करार दिया है। वे सुशीला के भाई हैं। वहीं फरार दोषी सतेंद्र उर्फ मोनू को सजा उसकी गिरफ्तारी के बाद सुनाई जाएगी। इस हादसे में घटना की रात घर पर मौजूद सभी पांच लोगों को गोली मारी गईं थी।

अदालत ने इस मामले में दोषी करार दिये गये सतेंद्र उर्फ मोनू भगोड़ा घोषित कर दिया है। आरोपियों को हत्या, हत्या के प्रयास और एससी-एसटी एक्ट में दोषी ठहराया गया।

सरकारी अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने बताया कि झूठी शान के लिए हत्या करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एक साल में ही ऐसे तीन मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे दोषी को फांसी की सजा दिए जाने के दूरगामी परिणाम होंगे। यह मामला नजीर बनेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Honor killing convict was sentenced to death by the court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे