hindi diwas 2019: हिंदी दिवस के अवसर पर ऐसे कीजिए भाषण और निबंध की तैयारी, तालियों से गूंज उठेगा सभागार

By आदित्य द्विवेदी | Published: September 12, 2018 05:03 PM2018-09-12T17:03:06+5:302019-09-10T12:54:08+5:30

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया गया। भारतीय संविधान के में हिंदी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के प्रयासों के बाद 14 सितंबर 1953 को पहली बार 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाया गया और उसके बाद से ही यह प्रथा जारी है।

Hindi Diwas 14 September Interesting facts and speech in Hindi | hindi diwas 2019: हिंदी दिवस के अवसर पर ऐसे कीजिए भाषण और निबंध की तैयारी, तालियों से गूंज उठेगा सभागार

hindi diwas 2019: हिंदी दिवस के अवसर पर ऐसे कीजिए भाषण और निबंध की तैयारी, तालियों से गूंज उठेगा सभागार

हिंदी एक ऐसी भाषा है जो इस विविधतावादी भारत देश को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1917 में गुजरात के भरूच में सर्वप्रथम हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दी थी। आजादी के बाद भी इस दिशा में कदम बढ़ाए गए और 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में हिंदी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के प्रयासों के बाद 14 सितंबर 1953 को पहली बार 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाया गया और उसके बाद से ही यह प्रथा जारी है। 14 सितंबर को हिंदी दिवस के मौके पर देशभर के विद्यालय, महाविद्यालय और कार्यालयों में हिंदी दिवस समारोह मनाया जाता है। लोग भाषण देते हैं। हिंदी का अधिकाधिक इस्तेमाल और प्रचार-प्रसार की नीतियां तय की जाती हैं। इस मौके पर प्रभावी भाषण कैसे दें? आइए, हम आपकी परेशानी को आसान कर देते हैं। 

हिंदी दिवस पर भाषण और निबंध की तैयारी कैसे करें?

क्या आप भी हिंदी दिवस के मौके पर अपने स्कूल, कॉलेज, कार्यालय समारोह में भाषण देना चाहते हैं? तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको हिंदी दिवस पर भाषण के प्रभावी तरीके बताने जा रहे हैं। भाषण की तैयारी के लिए ध्यान रखें ये जरूरी बातेंः-

- प्रभावी भाषण के लिए सबसे पहली शर्त है विषय की समझ। हिंदी दिवस के बारे में बिना कुछ जाने आप बोल नहीं पाएंगे। इसलिए इससे जुड़ी जानकारियां इकट्ठी करें। मसलन- इतिहास, उद्देश्य और तरीका।

- सिर्फ विषय की समझ होना काफी नहीं है। उस विषय पर बोलते वक्त आपके चेहरे पर चमक तभी आएगी जब आपकी उस विषय पर पकड़ होगी। इसलिए जरूरी है कि आप उसे रोजमर्रा के जीवन से जोड़ें।

- आपको अपने विषय के कुछ इंटरेस्टिंग डाटा जरूर तैयार करके बोलने जाना चाहिए, डाटा या आंकड़े देने से आपकी बातों में वजन आता है।

- भाषण देते समय वक्ता के अंदर ऊर्जा बहुत जरूरी है। इसे प्रदर्शित करने के लिए स्लोगन, गीत या चुटीले वाक्यों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

हिंदी दिवस पर दीजिए ये भाषणः नमूना

आदरणीय मुख्य अतिथि, आगंतुकों और प्यारे साथियों!

अंग्रेज गवर्नर लॉर्ड मैकाले भारत में एक ऐसा समुदाय बनाना चाहता था जो रंग से भारतीय हो लेकिन सोच से अंग्रेज। इसी मंशा से उसने 1855 में अंग्रेजी को भारत की शिक्षा और प्रशासन की भाषा के रूप में स्थापित कर दिया। अंग्रेजों ने अपने शासन काल में तत्कालीन राजभाषा फारसी को ही प्रश्रय दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि आजादी के बाद भी कुछ समय तक भारत की अधिकांश कचहरियों में फारसी ही इस्तेमाल की जाती रही। इन दो भाषाओं ने हिंदी को हाशिये पर डाल दिया था। लेकिन जहां महात्मा गांधी, राजा राममोहन राय और आप जैसे मातृभाषा प्रेमी हों वहां हिंदी मुख्यधारा में लौटनी तय थी। इसी का उत्सव मनाने के लिए हम सभी लोग यहां एकत्रित हुए हैं।

 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1917 में गुजरात के भरूच में सर्वप्रथम हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दी थी। आजादी के बाद भी इस दिशा में कदम बढ़ाए गए और 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में हिंदी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के प्रयासों के बाद 14 सितंबर 1953 को पहली बार 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाया गया और उसके बाद से ही यह प्रथा जारी है।

महात्मा गांधी ने एक बार यह विचार व्यक्त किया था कि राष्ट्रभाषा बनने के लिए किसी भाषा में नीचे दिए गए पांच गुण होने आवश्यक होने चाहिए-

- उसे सरकारी अधिकारी आसानी से सीख सकें
- वह समस्त भारत में धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक संपर्क के माध्यम के रूप में प्रयोग के लिए सक्षम हो
- वह अधिकांश भारतवासियों द्वारा बोली जाती हो,
- सारे देश को उसे सीखने में आसानी हो,
- ऐसी भाषा को चुनते समय आरजी या क्षणिक हितों पर ध्यान न दिया जाए।

लेकिन दुर्भाग्य से 'हिंदी' भाषा का महत्व धीरे-धीरे नीचे गिर रहा है। जो लोग हिंदी बोलते हैं उन्हें अलग दृष्टि के साथ देखा जाता है। लोग सार्वजनिक स्थानों में हिंदी बोलते वक़्त शर्म महसूस करते हैं। अब मैं आपको हिंदी के बारे में कुछ ऐसे आंकड़े बताना चाहता हूं जिससे आपको अपनी राजभाषा पर गर्व होगा। क्या आप जानते हैं दुनियाभर में करीब 54 करोड़ लोग हिंदी भाषी हैं। देश के बाहर पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में भी हिंदी भाषा बोली और समझी जाती है। क्या आप जानते हैं, हिंदी शब्दों 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा', 'सूर्य नमस्कार' को ऑक्सफर्ड डिक्शनरी में शामिल किया गया है। इसके साथ ही तेलुगू, उर्दू और गुजराती भाषा के शब्दों को भी ऑक्सफर्ड डिक्शनरी में जगह मिली है। क्या आप जानते हैं, दुनिया के 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाती है। क्या आप जानते हैं कि फ़िजी में हिंदी को आधाकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। इसे फ़िजियन हिन्दी या फ़िजियन हिन्दुस्तानी भी कहते हैं। यह भारत में बोली जाने वाली अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का समावेश है।

हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और हमें हमेशा भाषा का जितना संभव हो प्रयोग करते समय गर्व महसूस करना चाहिए।

धन्यवाद।

English summary :
Hindi Diwas 2018: On September 14, 1949, it was decided in the Constituent Assembly to give Hindi Language the official status of national language. In Article 343 (1) of Indian Constitution Hindi has been given the status of official language in Devanagari script. After the efforts of the Nationwide Prashak Samiti, for the first time on September 14, 1953, it was celebrated in the form of 'Hindi Din' and this practice has been continuing since then.


Web Title: Hindi Diwas 14 September Interesting facts and speech in Hindi

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