हिमंत बिस्वा सरमा ने सूबे के विशेष समुदाय पर तंज कसते हुए गढ़ा नया मुहावरा, 'खाद जिहाद'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 11, 2023 12:13 IST2023-06-11T11:02:17+5:302023-06-11T12:13:32+5:30

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सूबे की बंगाली मुस्लिम आबादी पर कटाक्ष करते हुए एक नया मुहावरा गढ़ा है और उसे 'खाद जिहाद' का नाम दिया है। 

Himanta Biswa Sarma coined a new phrase 'Khad Jihad' while taunting the special community of the state | हिमंत बिस्वा सरमा ने सूबे के विशेष समुदाय पर तंज कसते हुए गढ़ा नया मुहावरा, 'खाद जिहाद'

हिमंत बिस्वा सरमा ने सूबे के विशेष समुदाय पर तंज कसते हुए गढ़ा नया मुहावरा, 'खाद जिहाद'

Highlightsहिमंत बिस्वा सरमा का बंगाली मुस्लिम आबादी पर तीखा तंज, गढ़ा नया मुहावरा 'खाद जिहाद'सीएम सरमा ने कहा कि हमारी सरकार ने लिया था "खाद जिहाद के खिलाफ लड़ाई" का संकल्पसूबे के अल्पसंख्यक संगठनों ने सीएम सरमा के बयान का किया विरोध, बताया अशोभनीय

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सूबे की बंगाली मुस्लिम आबादी पर कटाक्ष करते हुए एक नया मुहावरा गढ़ा है और उसे 'खाद जिहाद' का नाम दिया है। सीएम सरमा ने हाल ही में गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार ने चुनाव के दौरान "खाद जिहाद के खिलाफ लड़ाई" के लिए संकल्प लिया था। 

उन्होंने कहा, "हमारी मिट्टी और प्रकृति में इस तरह की शक्ति समाहित है कि अगर हम उस शक्ति का उपयोग करना सीख जाएं तो उर्वरा बढ़ाने के लिए हमें यूरिया, फास्फेट, नाइट्रेट जैसे खाद की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। मैंने जब असम में भाजपा सरकार शुरू की थी, उस समय हमने सार्वजनिक मंच पर एक बात कही थी कि असम में विभिन्न खाद्य सामग्री उगाने के लिए हो रहे खादों के अनियंत्रित उपयोग से गुर्दे, हृदय आदि की बीमारियां पैर फैला रही हैं।"

समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री सरमा के इस बयान को परोक्ष तौर पर बंगाली मुसलमानों के खिलाफ बताया है, जो असम में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि भाजपा नेताओं ने "खाद जिहाद" का मुद्दा उठाया है। इससे पहले साल 2021 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के समय में बतौर स्वास्थ्य मंत्री सरमा ने कहा था कि असम के खरुपेटिया और दलगांव में रहने वाले समुदाय विशेष के लोगों द्वारा "खाद जिहाद के हमले हो रहे हैं। 

वहीं मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी अपने भाषण में खरुपेटिया और दलगांव क्षेत्र का जिक्र किया, जो दरंग जिले में स्थित हैं और जहां बंगाली मुसलमानों का खासा प्रभाव है। यह पूरा क्षेत्र असम के बड़े सब्जी उत्पादक केंद्रों में से एक है। 

सीएम सरमा ने कहा, “जोरहाट, शिवसागर और अन्य ऊपरी असम जिलों के लोग खारुपेटिया और दलगांव की सब्जियों पर निर्भर हैं। लेकिन वहां के किसान सब्जियों के उत्पादन और संरक्षण के लिए बहुत ज्यादा मात्रा में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल करते हैं।"

सीएम के इस बयान पर ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के महासचिव मिनातुल इस्लाम ने कहा कि उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए, उनके द्वारा कही गई बात मुख्यमंत्री की गरिमा को शोभा नहीं देता है। सच तो यह है कि राज्य के अधिकांश हिस्से को खिलाने का काम अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से मिया मुसलमानों द्वारा किया जाता रहा है और यह मुख्यरूप से खारुपेटिया में रहते हैं और पूरे साल सब्जियों के उत्पादन कड़ी मेहनत करते हैं। 

वहीं ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूनाइटेड फ्रंट के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने सीएम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सब्जी के किसानों द्वारा किये जा रहे खाद का अनियंत्रित उपयोग सरकारी विफलता का नतीजा है और मुख्यमंत्री सरमा इस तरह का बयान देकर समस्या को बौना बना रहे हैं। 

मालूम हो कि मुख्यमंत्री सरमा इससे पहले भी कई बार 'लव जिहाद' का मुद्दा उठा चुके हैं। पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री सरमा सार्वजनिक तौर पर 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून की मांग कर चुके हैं। इतना ही नहीं सीएम सरमा ने पिछले साल ही कहा था कि असम "जिहादी गतिविधियों" का केंद्र बन रहा है और मुस्लिम युवाओं को राज्य के बाहर के इमामों द्वारा मदरसों में भर्ती किया जा रहा है।

Web Title: Himanta Biswa Sarma coined a new phrase 'Khad Jihad' while taunting the special community of the state

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे