कांग्रेस को झटका, हिमाद्री सिंह हुईं भाजपा में शामिल
By राजेंद्र पाराशर | Updated: March 20, 2019 23:10 IST2019-03-20T23:10:01+5:302019-03-20T23:10:01+5:30
लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन के पहले जोड़-तोड़ की प्रक्रिया तेज हो गई है। भाजपा ने इसके तहत 20 मार्च को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। शहडोल में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रही हिमाद्री सिंह को भाजपा की सदस्यता दिला दी।

कांग्रेस को झटका, हिमाद्री सिंह हुईं भाजपा में शामिल
मध्यप्रदेश के शहडोल लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रही हिमाद्री सिंह ने आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। पूर्व केन्द्रीय मंत्री दलवीर सिंह की बेटी हिमाद्री आज अपने पति और भाजपा नेता नरेन्द्र मरावी के साथ भाजपा कार्यालय पहुंची और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह के समक्ष भाजपा की सदस्यता ली।
लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन के पहले जोड़-तोड़ की प्रक्रिया तेज हो गई है। भाजपा ने इसके तहत 20 मार्च को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। शहडोल में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रही हिमाद्री सिंह को भाजपा की सदस्यता दिला दी। हिमाद्री का नाम शहडोल संसदीय क्षेत्र से इस बार भी कांग्रेस के पैनल में था, मगर मंगलवार को जब भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हो रही थी, तब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह के सुझाव पर प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने नरेन्द्र मरावी से फोन पर चर्चा की थी। हालांकि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसका खुलासा नहीं हुआ था, मगर आज बुधवार को दोपहर हिमाद्री सिंह अपने पति और भाजपा नेता नरेन्द्र मरावी के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा की सदस्यता ली। उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने यह सदस्यता दिलाई।
उल्लेखनीय है हिमाद्री सिंह आदिवासी वर्ग का बड़ा चेहरा है। उनके पिता स्वर्गीय दलवीर सिंह केन्द्रीय मंत्री रहे और पति नरेन्द्र मरावी अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पुष्पराजगढ़ से प्रत्याशी बनाया था, मगर वे चुनाव हार गए थे।
ज्ञानसिंह का टिकट कटना तय
हिमाद्री सिंह के भाजपा में शामिल होने से अब यह तय हो गया कि शहडोल संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद ज्ञानसिंंह का टिकट कटेगा। हालांकि ज्ञानसिंह लगातार दावेदारी कर रहे हैं। वे भोपाल से दिल्ली तक दावेदारी कर चुके हैं और नेताओं का ेयह भी बता चुके हैं कि उन्हें उपचुनाव के बाद कम समय मिला इस वजह से क्षेत्र का विकास वे नहीं कर पाए। उन्हें समय दिया जाना चाहिए।