नई दिल्लीः हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव जल्द होने वाला है। कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक पवन कुमार काजल और लखविंदर सिंह राणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। काजल कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, वहीं राणा नालागढ़ से विधायक हैं।
बीजेपी में शामिल होने के बाद पवन काजल और लखविंदर सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस बीच कांग्रेस ने पार्टी नेता पवन काजल और लखविंदर राणा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
काजल कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष थे। कांग्रेस ने उन्हें मंगलवार देर रात कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया था। राणा प्रदेश इकाई में उपाध्यक्ष थे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सदस्य व पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में सदस्यता ग्रहण की।
इस अवसर पर ठाकुर ने दोनों नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश में भाजपा की स्थिति मजबूत होगी। ठाकुर ने बाद में काजल और राणा के साथ भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। भाजपा से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले काजल ने 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और वह जीत गए।
चुनाव जीतने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। बाद में कांग्रेस ने उन्हें हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया। उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने मंगलवार रात उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया।
नए कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में चंद्र कुमार की नियुक्ति की मंजूरी दी। हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में अभी तक मुख्य मुकाबला पारंपरिक रूप से कांग्रेस और भाजपा के बीच होता रहा है।