Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिजाब को धार्मिक प्रतीक बताते हुए शैक्षणिक संस्थानों द्वारा पालन किए जाने वाले पोशाक से संबंधित नियमों का समर्थन किया है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस मुस्लिम लड़कियों के समर्थन में सामने आई है।
राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं। यह मुद्दा जनवरी में उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में शुरू हुआ था, जहां छह छात्राएं निर्धारित ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर कक्षाओं में आई थीं।
मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिजाब पहनकर कक्षाओं में उपस्थित होने देने की मांग को लेकर विरोध के बीच, छात्रों के एक समूह ने फिर से भगवा स्कार्फ पहनकर अपने कॉलेज तक मार्च किया। कॉलेज जाते समय इन छात्रों ने "जय श्री राम" के भी नारे लगाए हैं।
राज्य में पिछले साल 28 दिसंबर को खड़ा हुआ हिजाब विवाद अब गहराता जा रहा है, स्कूल में हिजाब पहनकर आईं महिला मुस्लिम छात्राओं के एंट्री देने से इनकार के बाद कई मुस्लिम छात्र अपने क्लासमेट्स के सपोर्ट में धरने पर बैठ गए हैं।
कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों में भी आए। बेलगावी के रामदुर्ग महाविद्यालय और हासन, चिक्कमंगलुरु और शिवमोगा में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब या भगवा शॉल के साथ छात्र-छात्राओं के आने की घटनाएं और बन्नीमंतपा (मैसूर) में हिजाब के पक्ष में लड़कियों के एक समूह के प्रदर्शन करने की खबरें सामने आई हैं।
इस बीच, कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के अधिकार पर मुस्लिम लड़कियों का समर्थन किया है। उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हिजाब के नाम पर पूरे राज्य में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
मामला उच्च न्यायालय पहुंचने के बीच मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकार के रुख के बारे में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक की। कर्नाटक उच्च न्यायालय आठ फरवरी को उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में पढ़ने वाली पांच लड़कियों द्वारा संस्थान में हिजाब पर प्रतिबंध के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।