Hijab ban row: शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर जारी प्रतिबंध 23 दिसंबर से हटेगा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- "शरिया कानून की स्थापना", कर्नाटक मंत्री का पलटवार
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 23, 2023 01:31 PM2023-12-23T13:31:07+5:302023-12-23T13:32:24+5:30
Hijab ban row: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा था कि हिजाब पहनने पर जारी प्रतिबंध 23 दिसंबर से हटा दिया जाएगा।
Hijab ban row: कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार द्वारा राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (हेडस्कार्फ़) पर प्रतिबंध हटाने की घोषणा के बाद विवाद पैदा हो गया। यह आदेश पिछली भाजपा सरकार द्वारा 2022 में लाया गया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा था कि हिजाब पहनने पर जारी प्रतिबंध 23 दिसंबर से हटा दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में हिजाब प्रतिबंध हटाने से राज्य में "शरिया कानून की स्थापना" हो जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर विपक्ष सत्ता में आया तो पूरे देश में "इस्लामिक कानून लागू किया जाएगा"। यह केवल हिजाब पर प्रतिबंध हटाना नहीं है, बल्कि राज्य में शरिया कानून की स्थापना है।
लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के वोट हासिल करना चाहते हैं
अगर राहुल गांधी, कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक देश में सरकार बनाते हैं, तो इस्लामी कानून लागू किया जाएगा। यह एक सुनियोजित योजना है।" सनातन धर्म को नष्ट करने की साजिश है। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया वोट-बैंक की राजनीति कर रहे हैं और कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के वोट हासिल करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "हिजाब हर जगह पहना जाता है। हिजाब एक ड्रेस कोड का मुद्दा है। सिद्धारमैया स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के बीच भेदभाव पैदा करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। वह वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं।" मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और मुख्यमंत्री ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया है। वह अल्पसंख्यकों को खुश करना चाहते हैं और उनकी नजर लोकसभा चुनाव पर है।
कदम कानून के तहत उठाया जा रहा
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया ने "मुसलमानों को खुश करने के लिए" हिजाब पहनने पर प्रतिबंध हटाने का बयान दिया। उन्होंने कहा, "किसी ने भी इस हिजाब फैसले को वापस लेने की मांग नहीं की है। मुसलमानों को खुश करने के लिए सिद्धारमैया ने यह बात कही है। उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए।"
येदियुरप्पा के बेटे और कर्नाटक बीजेपी प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध को वापस लेने के फैसले ने "हमारे शैक्षिक स्थानों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं"। कांग्रेस का पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह कदम कानून के तहत उठाया जा रहा है और इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बीजेपी संविधान के बारे में जानती है। उन्हें संविधान पढ़ना चाहिए। कोई भी कानून या नीति जो कर्नाटक की प्रगति के लिए अच्छा नहीं है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम उस कानून या नियम को हटा देंगे।" प्रियांक खड़गे जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं।
मैं धोती और कुर्ता पहनता हूं और आप पैंट एवं शर्ट पहनते हैं
सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि पहनने और भोजन का चयन व्यक्तिगत मामला है। मैसूरु जिले के नंजनगुड में तीन पुलिस थानों के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी वोट बैंक की राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए।
सिद्धरमैया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "वे कहते हैं 'सबका साथ, सबका विकास' लेकिन टोपी, बुर्का पहनने वालों और दाढ़ी रखने वालों को दरकिनार कर देते हैं। क्या उनका यही मतलब है।" जब भीड़ में से किसी ने हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नहीं (प्रतिबंध नहीं)। आप हिजाब पहन सकते हैं।
मैंने (अधिकारियों को) निर्देश दिया है कि कल से कोई प्रतिबंध नहीं होगा। आप कुछ भी पहन और खा सकते हैं।’’ नारेबाजी कर रही भीड़ के बीच सिद्धरमैया ने कहा, "...आपकी पसंद आपकी है और मेरी पसंद मेरी है। यह बहुत आसान है।" उन्होंने पूछा, ‘‘मैं धोती और कुर्ता पहनता हूं और आप पैंट एवं शर्ट पहनते हैं। यह आपकी पसंद है। इसमें गलत क्या है।’’
कर्नाटक में सरकार की पांच गारंटियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लाभ लोगों को उनकी भिन्न जाति, धर्म और पृथक "राजनीतिक विचारधारा" के बावजूद उपलब्ध है। उन्होंने कहा, "यहां तक कि भाजपा समर्थक भी लाभ उठा रहे हैं और बस में मुफ्त यात्रा कर रहे हैं। हम कभी भेदभाव नहीं करते।" वर्ष 2022 में भाजपा के शासनकाल के दौरान राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।