तमिलनाडु में अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों ली गई ज्यादा फीस वापस होगी : सरकार ने अदालत को बताया
By भाषा | Updated: September 25, 2021 20:16 IST2021-09-25T20:16:41+5:302021-09-25T20:16:41+5:30

तमिलनाडु में अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों ली गई ज्यादा फीस वापस होगी : सरकार ने अदालत को बताया
चेन्नई, 25 सितंबर तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया है कि राज्य के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों से कहा गया है कि वे प्रवेश के लिए आवेदन पत्र जारी/संसाधित करने के लिए अतिरिक्त शुल्क जमा न करें और कॉलेजों द्वारा एकत्र की गई अतिरिक्त फीस छात्रों को वापस कर दी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी औदिकेसवालु की प्रथम पीठ के समक्ष दायर एक स्थिति रिपोर्ट में 22 सितंबर को सरकार ने कहा कि पीठ के पहले के आदेश के बाद, शिक्षा विभाग हरकत में आ गया था, जिसके परिणामस्वरूप कॉलेजों ने प्रतिभागियों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों से एकत्र की गई अतिरिक्त फीस वापस कर दी।
पीठ ने कहा, “राज्य द्वारा जारी अतिरिक्त संग्रह नहीं किए जाने के निर्देशों और यहां तक कि अतिरिक्त रकम को लौटाए जाने के बाद अब याचिका का कुछ भी नहीं बचा है और इसे निस्तारित किया जाता है।”
उल्लाग्राम में तमिलनाडु विश्वविद्यालय और कॉलेज एससी / एसटी शिक्षक संघ ने अपने सचिव के कन्नैयन के जरिये दायर जनहित याचिका में तर्क दिया था कि कॉलेजों ने गलत तरीके से निर्धारित दरों से अधिक शुल्क एकत्र किया था वह भी तब जब अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को एक सरकारी आदेश के जरिये छूट दी गई थी।
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