मेट्रो कार शेड निर्माण पर उच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : राउत
By भाषा | Updated: December 17, 2020 14:37 IST2020-12-17T14:37:35+5:302020-12-17T14:37:35+5:30

मेट्रो कार शेड निर्माण पर उच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : राउत
मुंबई, 17 दिसंबर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांजुरमार्ग में मेट्रो कार शेड के निर्माण पर रोक से संबंधित बंबई उच्च न्यायालय का फैसला ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है। यह परियोजना मुंबई और महाराष्ट्र के विकास से जुड़ी है।
मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में राउत ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी भाजपा अभी सत्ता में नहीं है इसलिए वह महाराष्ट्र के विकास में बाधा पहुंचा रही है।
उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेतृत्व वाली सरकार को जनता के हित में काम नहीं करने देने के लिए ‘‘साजिश’’ रची जा रही है।
उन्होंने कहा, हालांकि महाराष्ट्र या यहां के लोगों को लंबे समय तक ‘‘परेशान’’ नहीं किया जा सकता है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘कांजुरमार्ग की जमीन पर कोई नेता अपना बंगला या फार्म हाउस नहीं बना रहा है। बल्कि यह तो मुंबई, महाराष्ट्र और देश के विकास का मामला है। अगर मामले में इस तरह का फैसला आया है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी जिसमें जिलाधिकारी ने कांजुरमार्ग इलाके में 102 एकड़ जमीन पर मेट्रो कार शेड के निर्माण की मंजूरी दी थी।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने उक्त जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी है।
कांजुरमार्ग में जमीन के मालिकाना हक को लेकर केंद्र और शिवसेना के नेतृत्व वाली महराष्ट्र सरकार में गतिरोध चल रहा है। महाराष्ट्र सरकार कांजुरमार्ग में मेट्रो कार शेड परियोजना का निर्माण कार्य करना चाहती है जो इससे पहले उपनगर गोरेगांव के हरित क्षेत्र आरे कॉलोनी में बनना प्रस्तावित था।
राउत ने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार कंजुरमार्ग की इसी जमीन पर पुलिस एवं समाज के कमजोर वर्ग के लिए आवास परियोजना का निर्माण करवाने वाली थी। इसका तो यही मतलब हुआ कि यह जमीन राज्य सरकार की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अचानक से जो कुछ भी हुआ है, उससे तो यही लगता है कि कोई साजिश के तहत महाराष्ट्र सरकार को जनता के हित में विकास कार्य नहीं करने देना चाहता है।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे लाखों मामले हैं जिनपर न्यायालय को ध्यान देना चाहिए।
राउत ने मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों पर सिख संत की आत्महत्या की खबर का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र और न्यायालय को इस मामले में भी ध्यान देना चाहिए।
उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार को अपना ‘‘अहंकार’’ छोड़ देना चाहिए। फडणवीस के इस बयान पर राउत ने कहा कि उन्हें अहंकार की परिभाषा फिर से देखने की जरूरत है।
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