घर-घर जाकर बुजुर्गों को कोरोना का टीका लगाने की याचिका पर उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांगा जवाब

By भाषा | Updated: April 7, 2021 18:44 IST2021-04-07T18:44:14+5:302021-04-07T18:44:14+5:30

High court seeks response from the Center on a petition to vaccinate the corona from house to house | घर-घर जाकर बुजुर्गों को कोरोना का टीका लगाने की याचिका पर उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांगा जवाब

घर-घर जाकर बुजुर्गों को कोरोना का टीका लगाने की याचिका पर उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांगा जवाब

मुंबई, सात अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने 75 साल से अधिक उम्र के नागरिकों और बिस्तर से नहीं उठ पाने वालों तथा व्हीलचेयर पर निर्भर लोगों को घर-घर जाकर टीका लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर बुधवार को केंद्र का जवाब मांगा।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि (कोविड-19) टीकाकरण के लिए निर्धारित पंजीकरण प्रक्रिया को क्या और आसान बनाया जा सकता है।

पीठ अधिवक्ता ध्रुति कपाड़िया और कुणाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और बिस्तर से नहीं उठ पाने वालों या व्हीलचेयर पर निर्भर लोगों के लिए घर-घर जाकर टीकाकरण की सुविधा मुहैया करने का अनुरोध किया है।

पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता अद्वैत सेठना को याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया और कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों के समाधान की जरूरत है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर सरकार की नीति में हस्तक्षेप करने का प्रयास नहीं कर रहे। हम बस ये देख रहे हैं कि क्या नीति में कुछ और सुधार हो सकता है। मुद्दा यह है कि प्रकिया लंबी नहीं, बल्कि और आसान होने चाहिए।’’

न्यायमूर्ति कुलकर्णी ने कहा कि व्हीलचेयर पर निर्भर अपने पिता को वह टीकाकरण केंद्र पर नहीं ले जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे और कई मामले हो सकते हैं जहां व्यक्ति बिस्तर से उठ ही नहीं पाता हो और वह नहीं जा पाए।’’

मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने उल्लेख किया कि उच्च न्यायालय की प्रशासनिक कमेटी और मुंबई नगर निगम प्रमुख इकबाल सिंह चहल के बीच बैठकें हुई, जिसमें यह कहा गया कि टीकाकरण केंद्रों में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है ताकि टीका लगाने के बाद व्यक्ति पर नजर रखी जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘हमे बताया गया कि टीकाकरण केंद्रों में अस्पताल जैसी या आईसीयू की व्यवस्था की जाए...ऐसा इसलिए कि टीका लगाने के बाद जरूरत पड़ने पर व्यक्ति को मेडिकल सहायता उपलब्ध हो सके। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी व्यक्ति को टीका लगाया जाए और उसके बाद वह कुछ समस्या का सामना करे।’’

मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, ‘‘अगर यह प्रोटोकॉल है तो घर-घर जाकर टीकाकरण करना संभव नहीं है, अन्यथा आईसीयू की सुविधा से लैस एंबुलेंस भेजनी पड़ेगी।’’

अदालत मामले पर नौ अप्रैल को आगे की सुनवाई करेगी।

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Web Title: High court seeks response from the Center on a petition to vaccinate the corona from house to house

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