ट्वीट मामले में उच्च न्यायालय ने कहा : अदालत की अवमानना अंतिम उपाय या हथियार

By भाषा | Updated: December 16, 2020 00:42 IST2020-12-16T00:42:55+5:302020-12-16T00:42:55+5:30

High court said in tweet case: contempt of court as last resort or weapon | ट्वीट मामले में उच्च न्यायालय ने कहा : अदालत की अवमानना अंतिम उपाय या हथियार

ट्वीट मामले में उच्च न्यायालय ने कहा : अदालत की अवमानना अंतिम उपाय या हथियार

मुंबई, 15 दिसंबर बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र में, न्यायपालिका आलोचना के लिए खुली है और अदालत की अवमानना ​​“अंतिम उपाय या हथियार” होना चाहिए। अदालत उस महिला द्वारा दायर याचिका पर आखिरी दलीलें सुन रही थी जिसके खिलाफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र तथा मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ ट्वीट को लेकर मामला दर्ज किया गया है।

मुंबई पुलिस ने सुनैना होले के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी और महिला ने उसे खारिज करने का अनुरोध करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की पीठ ने कहा, “लोकतांत्रिक व्यवस्था में, हम जानते हैं कि आलोचना होगी। न्यायपालिका में भी, हम इसके लिए खुले हैं। अवमानना ​​अंतिम उपाय या हथियार है। यह मेरा निजी विचार है।”

होले के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत से कहा कि प्राथमिकी में कोई अपराध नहीं बताया गया है।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनोज मोहिते ने तर्क दिया कि आपत्तिजनक टिप्पणियों, ट्वीट आदि के मामलों में संबंधित व्यक्ति के इरादे पर गौर किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि भारत के नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार है लेकिन उन्हें दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन किए बिना अपने अधिकार का उपयोग करना चाहिए।

मामले में अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी।

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Web Title: High court said in tweet case: contempt of court as last resort or weapon

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