कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त बेड होने के गुजरात सरकार के दावे पर उच्च न्यायालय ने सवाल खड़ा किया

By भाषा | Published: April 20, 2021 04:34 PM2021-04-20T16:34:05+5:302021-04-20T16:34:05+5:30

High court questioned Gujarat government's claim of having adequate beds for Kovid-19 patients | कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त बेड होने के गुजरात सरकार के दावे पर उच्च न्यायालय ने सवाल खड़ा किया

कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त बेड होने के गुजरात सरकार के दावे पर उच्च न्यायालय ने सवाल खड़ा किया

अहमदाबाद, 20 अप्रैल गुजरात उच्च न्यायालय ने कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त बेड होने के राज्य सरकार के दावे पर सवाल खड़ा किया और जानना चाहा कि यदि बेड खाली हैं तो संक्रमित व्यक्ति क्यों भर्ती नहीं किये जा रहे हैं।

राज्य सरकार ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में कहा कि कोविड-19 अस्पतालों एवं अन्य उपचार केंद्रों में 79,944 बेडों में 55,783 ही भरे हैं, बाकी खाली हैं।

सरकारी वकील मनीषा शाह ने मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव करिया की खंडपीठ के समक्ष एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान तथ्य रखा। खंडपीठ ने दो सप्ताह पहले कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस याचिका पर सुनवाई शुरू की थी।

पीठ ने सरकार से कहा, ‘‘ शिकायतें आ रही हैं, शायद आपके पास भी शिकायतें आ रही हों, मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है क्योंकि अस्पतालों में जगह नहीं हैं। बेड उपलब्ध नहीं हैं। आपने जो आंकड़ा दिया है, उससे तो यही जान पड़ता है कि निर्धारित अस्पतालों में खाली बेड हैं।’’

पीठ ने सरकार से सवाल किया, ‘‘(यदि यह सच है) तब लोग ईधर-उधर क्यों चक्कर काट रहे हैं, अस्पतालों में बेड एवं उपचार के लिए पहुंच एवं पैरवी क्यों ढूढ रहे हैं।’’

अदालत ने लोगों के इस दावे पर भी चिंता प्रकट की थी कि अब 108 एंबुलेंस उन मरीजों को लेने आने में काफी वक्त ले रहे हैं जो गंभीर हालत में हैं।

अदालत ने यह भी जानना चाहा कि यदि गंभीर मरीज 108 एंबुलेंस के बजाय यदि निजी वाहन से आते हैं तो उन्हें सरकारी अस्पतालों में क्यों भर्ती नहीं किया जाता है।

सरकार का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि वैसे तो मरीजों के घर से कुछ ही दूरी पर कुछ अन्य उपचार केंद्रों में बेड तो हैं लेकिन लोग किन्हीं खास अस्पतालों में ही भर्ती होना चाहते हैं जिससे उन अस्पतालों में सारे बेड भर गये हैं।

सरकारी वकील ने अदालत को यह आश्वासन भी दिया कि सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की है और फिलहाल इस जीवन रक्षक गैस की कोई कमी नहीं है।

मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।

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Web Title: High court questioned Gujarat government's claim of having adequate beds for Kovid-19 patients

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